लोहारीडीह कांडः कांग्रेस के प्रदर्शन से ग्रामीणों ने बनाई दूरी, SDM को सौंपा ज्ञापन, बोले-हमें सरकार पर पूरा भरोसा

Loharidih Kand:लोहरीडीह मामले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। ग्रामीणों ने कांग्रेस के प्रदर्शन से खुद को अलग बताया है। साथ ही 21 अक्टूबर को होने वाले प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की बात कही है। मालूम हो कि कांग्रेस के द्वारा लोहारीडीह मामले को लेकर 21 अक्टूबर को बड़ा प्रदर्शन होना है...

Update: 2024-10-19 07:09 GMT

Loharidih Kand: कवर्धा। छत्तीसगढ़ की राजधानी कवर्धा के लोहारीडीह कांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। लोहारीडीह मामले में ग्रामीणों ने एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि अब उन्हें इस घटना पर किसी तरह की कोई राजनीति नहीं चाहिए। उन्हें मौजूदा सरकार पर भरोसा है, और पूरा यकिन हैं कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा। साथ ही जो निर्दोश है उनकी रिहाई भी जल्द सरकार करेगी।

मालूम हो कि 21 अक्टूबर को लोहारीडीह कांड को लेकर कांग्रेस बड़ा प्रदर्शन कवर्धा में करने वाली है। कांग्रेस उम्मीद लगाये बैठी थी कि इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में उनका साथ लोहारीडीह के ग्रामीण देंगे। लेकिन प्रदर्शन के दो दिन पहले ही ग्रामीणों ने खुद को अलग बताकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।  ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा सरकार के द्वारा जो भी निर्णाय लिया जाएगा, वो उन्हें स्वीकार होगा और उन्हें उम्मीद हैं कि उन्हें इस मामले में जल्द ही न्याय मिलेगा।

जानिए घटनाक्रम

जानकारी के मुताबिक, 15 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के ग्राम लोहारीडीह निवासी शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की लाश मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के थाना बिरसा के ग्राम बिजटोला में एक पेड़ से लटकी मिली थी। इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी और ग्रामीणों ने मृतक की हत्या का जिम्मेदार ग्राम लोहारीडीह के ही रघुनाथ साहू पर संदेह जताते हुए उसके घर पर आग लगा दिए। इस हमले के दौरान रघुनाथ के परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया, लेकिन उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर जानलेवा हमला करते हुए। इस हमले में पुलिस बल ने अपनी जान की परवाह किए बिना रघुनाथ के परिवार को बचाने का प्रयास किया।

हालांकि, रघुनाथ साहू की आगजनी की घटना में जिंदा जलकर मौत हो गई, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने परिवार के अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। घटना के दौरान ग्रामीणों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती गांव में की गई थी, जिससे स्थिति को नियंत्रण में किया गया।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक झा (IPS) ने कबीरधाम पुलिस को बालाघाट पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर हत्या की गुत्थी सुलझाने के निर्देश दिए। कबीरधाम एसपी राजेश अग्रवाल और ASP पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के निर्देश में थाना रेंगाखार के पर्यवेक्षण अधिकार कृष्ण कुमार चंद्राकर उप पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा एवं टीम ने मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मामले की बारीकी से जांच शुरू की।

बालाघाट जिले के एसपी नगेंद्र सिंह, ASP के एल बंजारे ने भी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश बिरसा पुलिस को दिए। SDOP बैहर अरविंद शाह के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी बिरसा निरीक्षक रेवल सिंह बरदे, उप निरीक्षक अभिषेक तोमर व अपने टीम के साथ जांच प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसलिए की शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या

जांच के दौरान पुलिस ने संदेही दिनेश कुमार और रोमन को पकड़ा गया था। कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू उनके साहू समाज का अध्यक्ष था और इसी का फायदा उठाकर उसने उन्हें लगातार परेशान किया। शिवप्रसाद ने रघुनाथ साहू के खिलाफ उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज कराया था। इसके अलावा, शिवप्रसाद ने दिनेश साहू को पिछले साल विवाद के दौरान बुरी तरह से पीटा था और रोमन साहू के घर में आग लगा दी थी। समाज का अध्यक्ष होने के कारण दोनों को समाज से भी बाहर कर दिया था। लगातार वो अपने पद का दुरपयोग कर उन लोगों को परेशान कर रहा रहा।

दोनों संदेहियों ने बताया कि शिवप्रसाद की हरकतों से परेशान होकर उन्होंने शिवप्रसाद को जान से मारने की योजना बना ली थी। इस योजना के तहत ही अपने तीसरे साथी टेकचंद पटेल को शिवप्रसाद को अकेले में लाने के लिए कहा। प्लान के तहत ही टेकचंद ने शिवप्रसाद को दमोह थाना बिरसा बुलवाया।

ऐसे दिए हत्या को अंजाम

घटना के दिन शिवप्रसाद को एक सुनसान स्थान पर बुलवाया गया, जहां पर अन्य तीनों आरोपी पहले से मौजूद थे। जब शिवप्रसाद वहां पहुंचा तो दिनेश ने उसके सिर पर डंडा मारा, जिससे वह घायल हो कर गिर गया। इसके बाद, दिनेश और रोमन ने शिवप्रसाद को पकड़ लिया और उसके गले में गमछा डालकर कस दिया, जिससे वो बेहोश हो गया। बाद में तीनों ने मिलकर शिवप्रसाद की लाश को फांसी दिखाने के लिए पेड़ से लटकाने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने पहले उसके शव को अपने कंधों पर उठाया तभी अचानक मृतक का मोबाइल बजने लगा। जब उन्होंने मोबाइल निकालने की कोशिश की तो लाश नीचे गिर गया। इसके बाद तीनों ने फिर से लाश को उठाया और पेड़ पर लटकाया, जिससे वह लटकने पर हाथ-पैर हिलाने लगा।

शिवप्रसाद के मरने की तसल्ली होने के बाद उसके मोबाइल को तोड़कर उसकी जेब में रख दिए और उसकी मोटरसाइकिल को लटकाने के स्थान से थोड़ी दूरी पर खड़ा कर वहां से फरार हो गए।

इस घटना के, सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके विरुद्ध हत्या, साजिश, और सबूत नष्ट करने के अपराध के तहत थाना बिरसा जिला बालाघाट मध्यप्रदेश में अपराध क्रमांक 201/2024 धारा 103(1), 238, 3(5), 61(2) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है, और दोनों राज्यों की पुलिस मिलकर इस मामले की विस्तृत छानबीन कर रही है।

आरोपी

1. दिनेश कुमार पिता रघुनाथ साहू, जाति तेली, निवासी ग्राम लोहारीडीह, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़।

2. रोमन पिता सनूकलाल साहू, जाति तेली, निवासी ग्राम लोहारीडीह, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़।

3. टेकचंद पिता सनूकलाल पटेल, जाति मरार, निवासी भेलवाटोला, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़।

4. राखीलाल पिता सुखराम हिरवाने, जाति तेली, निवासी बनाफरटोला, ग्राम रेलवाही, थाना बिरसा, जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश।

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