IAS Lakshman Tiwari: इस तेज तर्रार आईएएस ने छोड़ा छत्तीसगढ़ कैडर, जा रहे बिहार, जानिए इसकी वजह

IAS Lakshman Tiwari:

Update: 2024-06-11 16:50 GMT

IAS Lakshman Tiwari: रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर, 2021 बैच के आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने अपना कैडर चेंज करवा लिया हैं। सुकमा जिला पंचायत के सीईओ और SDM आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने पत्नी के कैडर (काॅमन कैडर) के तहत केंद्र से कैडर में बदलाव की मांग की थी। अब केंद्र सरकार ने उन्हें कैडर चेंज करने की अनुमति दे दी है। कुछ ही दिनों में वे छत्तीसगढ़ छोड़ देंगे। 

दरअसल, कुछ दिनों पहले ही उनका विवाह बिहार कैडर की आईपीएस दिव्यांजलि जायसवाल से हुई हैं। दिव्यांजलि 2022 बैच की अफसर है। लक्ष्मण भी बिहार के रहने वाले हैं। सो, उन्होंने गृह प्रदेश जाना मुनासिब समझा। लक्ष्मण तेज तर्रार आईएएस हैं। जहाँ भी पोस्टेड रहे, काम से अपनी अलग पहचान बनाई। 

आइये जानते हैं उनके बारे में

आईएएस लक्ष्मण तिवारी छत्तीसगढ़ कैडर के 2021 बैच के आईएएस हैं। वे मूलतः बिहार के रहने वाले है। यूपीएससी के पहले अटेम्प्ट में वे आईपीएस बने फिर 71 वीं रैंक के साथ आईएएस में चयन हुआ। आईएएस लक्ष्मण तिवारी बिहार राज्य के सिवान जिले के गोरियाकोठी ब्लॉक के सैदपुर गांव के रहने वाले है। उनका जन्म 23 मार्च 1997 को हुआ है। उनके पिता सुरेश तिवारी व्यवसायी है। तथा उनकी मां सबिता देवी गृहणी हैं। वे अपने परिवार में यूपीएससी निकालने वाले पहले व्यक्ति है।

लक्ष्मण तिवारी की प्रारंभिक पढ़ाई गांव से ही हुई। इसके बाद सानी बसंतपुर से उन्होंने मैट्रिक और सारण के ताजपुर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी। इसके बाद स्नातक के लिए वे दिल्ली विश्वविद्यालय चले गए। वहां से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस एंड इंटनेशनल रिलेशन में बीए ऑनर्स की डिग्री ली। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री भी उन्होंने ली है।

दिल्ली में ही रह कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की थी। मात्र 21 साल की उम्र में अपने पहले अटेम्प्ट ( यूपीएससी 2049) में 176 वें रैंक के साथ वे आईपीएस के लिए सलेक्ट हुए। उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला। आईपीएस की ट्रेनिंग करते हुए उन्होंने अपना दूसरा अटेम्प्ट( यूपीएससी 2020) दिया और 71 वें रैंक के साथ आईएएस बने। उनका वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध था।

प्रोफेशनल कैरियर

लक्ष्मण तिवारी ने 5 दिसंबर 2021 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद फील्ड प्रशिक्षण के लिए दुर्ग जिले में सहायक कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। दुर्ग में लक्ष्मण तिवारी ट्रेनिंग के दौरान धमधा तहसीलदार, दुर्ग के एसडीएम व निगम आयुक्त के छुट्टी में जाने के दौरान कुछ दिनों तक निगम आयुक्त का भी प्रभार सम्हाल चुके है।दुर्ग में एसडीएम रहते अवैध प्लाटिंग के खिलाफ लक्ष्मण तिवारी ने अभियान चलाया था। इसके अलावा कोहका में पटवारी के कार्यालय में छापा मारकर 8 लाख रुपए की नगद रकम बरामद कर पटवारी को निलंबित कर दिया था। कोरोना का वैक्सीनेशन में उन्होंने अच्छा कार्य किया था। फिर वे सूरजपुर जिले में एसडीएम बने थे। वर्तमान में सुकमा जिला पंचायत सीईओ व एसडीएम के प्रभार में है। सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लक्ष्मण तिवारी लगातार प्रयासरत है।


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