High Court News: प्रिंसिपल पोस्टिंग विवाद, हाई कोर्ट से डीपीआई को मिली फौरी राहत, काउंसलिंग में नहीं आएगी कानूनी अड़चन

टी संवर्ग के 1335 शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर पोस्टिंग के लिए काउंसलिंग के नियमों को लेकर 11 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं ने कांउसलिंग की तिथि का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की थी। आज इस मामले की सुनवाई हाई काेर्ट में हुई। हाई कोर्ट ने एक सप्ताह मामले की सुनवाई की तिथि तय कर दी है। इससे डीपीआई को फौरीतौर पर राहत मिल गई है। माना जा रहा है कि काउंसलिंग के बाद पोस्टिंग आदेश जारी कर दिय जाएगा। तब तक किसी तरह की कानूनी झंझट का सामना भी डपीआई को नहीं करना पड़ेगा।

Update: 2025-08-22 13:08 GMT

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High Court News: बिलासपुर। टी संवर्ग के 1335 पदों पर प्रिंसिपल की पोस्टिंग होनी है। इसके लिए डीपीआई ने काउंसलिंग के लिए तिथि तय कर दी है। आज यह मामला हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए लगा था। हाई कोर्ट ने एक सप्ताह बाद सुनवाई करने की व्यवस्था दी है। हाई कोर्ट के इस आदेश से डीपीआई को राहत मिली है। माना जा रहा है कि काउंसलिंग को लेकर फिलहाल कानूनी अड़चन दूर हो गई है। काउंसलिंग के बाद प्राचार्यों की पोस्टिंग आदेश भी जारी कर दिया जाएगा।

काउंसलिंग के लिए डीपीआई द्वारा बनाए गए मापदंड को चुनौती देते हुए संजय बडेरा सहित 11 लेक्चरर्स ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने पोस्टिंग के लिए समान मापदंड व नियम की मांग करते हुए सभी 1355 शिक्षकों को काउसंलिंग में बुलाने की मांग की है। डीपीआई पर भेदभाव करने व दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप याचिका में लगाया है।

याचिकाकर्ताओं ने काउंसलिंग के लिए समान मापदंड अपनाने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि डीपीआई से मांग करने के बाद भी इसे नहीं माना जा रहा है। प्रिंसिपल पद के लिए टी संवर्ग के 1335 शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। डीपीआई ऐसा कर भेदभाव कर रहे हैं। इससे पूरी प्रक्रिया दूषित हो जाएगी। एक ही पद पर पोस्टिंग के लिए दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। यह समझ से परे है।

स्कूल शिक्षा विभाग में टी-संवर्ग के प्राचार्य पद पर 30 अप्रैल 2025 को 1335 व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी.,प्रधान पाठक का प्रमोशन किया गया है एवं छ.ग. स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्य प्रमोशन पत्र के कंडिका 3 में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सभी 1335 पदों पर पदस्थापना कांउसिलिंग के माध्यम से की जायेगी। इसके लिए संचालक लोक शिक्षण DPI को अधिकृत किया गया है।

याचिका में डीपीआई के इस नियम को लेकर आपत्ति

राज्य सरकार के निर्देश पर डीपीआई को कांउसिलिंग पश्चात समस्त प्राचार्यों के पदस्थापना प्रस्ताव शासन को भेजना होगा। किन्तु लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 14 अगस्त 2025 को सूचना जारी की गई जिसमें केवल 845 पदों पर पदस्थापना हेतु कांउसलिंग किया जाना बताया गया है। वर्तमान में 1366 पद रिक्त है एवं 1335 पद हेतु प्रमोशन आदेश जारी किया गया है। इस स्थिति में 491 पदोन्नत प्राचार्यों का कांउसलिंग से पदस्थापना नहीं किया जा रहा हैं।

विभाग के निर्देशों की अवहेलना-

याचिका में कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा सभी 1335 पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना कांउसलिंग के माध्यम से किये जाने का निर्देश है। शासन के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। 491 शिक्षकों को काउंसलिंग से अलग कर दिया है। इन्हें सीधे पदस्थापना दी जा रही है। मसलन जिस स्कूल में लेक्चरर हैं उसी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर पोस्टिंग हो जाएगी।

याचिका में यह मांग भी-

नियम विरूद्ध पदस्थापना को निरस्त कर समस्त 1335 प्राचार्यों का कांउसलिंग के माध्यम से पदस्थापना किया जाये। कांउसलिंग प्राकिया की कंडिका 3 (1) व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी. एवं प्रधान पाठक (मा.शा.) की आनुपतिक सूची 2:1:1 रखी गई है। यह व्याख्याता संवर्ग के साथ अन्याय है। 670 व्याख्याताओं का प्रमोशन प्राचार्य पद पर हुआ है। इनकी कांउसलिंग की जानी चाहिये इसके पश्चात व्याख्याता एल.बी. एवं प्रधान पाठक (मा.शा.) की कांउसलिंग की जाए।


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