Dr Raman Singh: डॉ0 रमन सिंह हो सकते हैं देश के अगले उप राष्ट्रपति? 15 साल मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह का नाम चर्चाओं में क्यों, पढ़िये खबर...

Dr Raman Singh: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उप राष्ट्रपति की कुर्सी बहुत दिनों तक खाली नहीं रहने वाली। भारत निर्वाचन आयोग ने आज चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इधर, उप राष्ट्रपति के नाम पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। मगर अटकलों का बाजार भी गर्म है। देश के दूसरे नंबर के सबसे बड़े पद के लिए जो नाम चल रहे हैं, उनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह का नाम भी शामिल हैं। चर्चाओं का कारण है, रमन सिंह का व्यक्तित्व, सियासी अनुभव और पीएम नरेंद्र मोदी से विश्वासपूर्ण रिश्ता।

Update: 2025-07-25 10:51 GMT

Dr Raman Singh: रायपुर। जिस तरह उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यकबयक अपने पद से इस्तीफा देकर पूरे देश को चौंका दिया था, उसी तरह से नए राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी भी चौंका सकती है। अभी तक के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि उप राष्ट्रपति का इस्तीफा भले ही अचानक हुआ, मगर इसकी स्क्रिप्ट पहले लिखी जा चुकी थी। क्योंकि, इस्तीफा उन्होंने देर शाम राष्ट्रपति को भेजा और अगले दिन दोपहर तक वह मंजूर हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य को लेकर शुभकामनाएं भी दे दी।

उप राष्ट्रपति का इस्तीफा स्वीकृत होने के तीसरे दिन ही भारत निर्वाचन आयोग हरकत में आते हुए चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें ताजा अपडेट यह है कि आयोग ने आज रिटर्निंग ऑफिसर को अपाइंट कर दिया। जाहिर है, आयोग उप राष्ट्रपति के चुनाव में देर नहीं करना चाहता। हालांकि, ये पद कब तक भरा जाना चाहिए, इसको लेकर संविधान में कोई टाईम लिमिट तय नहीं किया गया है। याने केंद्र सरकार चाहती को कुछ दिन चुनाव टाला जा सकता था। उप राष्ट्रपति ने होने से राज्यसभा के उप सभापति सदन का संचालन करते हैं और हरिवंश ने अपना दायित्व संभाल भी लिया है।

दावेदारों को लेकर सस्पेंस

देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर संशय बना हुआ है। अभी न तो बीजेपी कने कोई इशारा किया है और न कांग्रेस की तरफ से उनकी दावदारी को लेकर कोई संकेत मिला है। अलबत्ता, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व राज्यपाल रमेश बैस को उप राष्ट्रपति बनाने का आग्रह किया है। मगर कांग्रेस अध्यक्ष की सिफारिश पर न उप राष्ट्रपति बनते हैं और न ऐसा कभी हुआ है। फिर भी, दीपक बैज ने बीजेपी नेता की सिफारिश कर किस तरह का पासा फेंका है, यह सियासी पंडित भी नहीं समझ पा रहे।

रमन का नाम टॉप फाइव में

उपर जिक्र किया गया है कि बीजेपी ने अभी उप राष्ट्रपति के कंडिडेट को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है, मगर इस पद के लिए बीजेपी में जिन नामों की अत्यधिक चर्चा है, उनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह भी शामिल हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि बिहार चुनाव को देखते बीजेपी बिहार के किसी नेता को उप राष्ट्रपति बनाने पर विचार कर सकती है। मगर दिक्कत यह है कि बिहार में बीजेपी का कोई ऐसा नेता नहीं, जिसे उप राष्ट्रपति की कुर्सी पर बिठाया जा सके। मीडिया में किसी महिला को इस पद पर बिठाने की भी खबरें चल रही हैं। मगर राष्ट्रपति भी महिला और उप राष्ट्रपति भी, ऐसा कतई संभव नहीं। जगदीप धनखड़ पर भरोसा करके हाथ जला चुकी बीजेपी अब बाहर से पार्टी में आए किसी पर दांव लगाने के बारे में सपने में भी नहीं सोचेगी। याने बीजेपी का पुराना वफादार ही कोई उप राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठेगा।

रमन सिंह का नाम क्यों?

छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल मुख्यमंत्री रहे डॉ0 रमन सिंह इस समय विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रमन सिंह इस पद के लिए परफेक्ट समझे जा रहे हैं। व्यक्तित्व से लेकर संसदीय ज्ञान...किसी भी मामले में रमन सिंह पीछे नहीं। रमन सिंह केंद्र की राजनीति भी कर चुके हैं। अटलबिहारी बाजपेयी सरकार के दौरान वे केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर छत्तीसगढ़ में वे बीजेपी के अध्यक्ष बने थे, इसीलिए उन्हें राज्य का पहला निर्वाचित मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

रमन का पलड़ा भारी क्यों?

रमन सिंह अब जरूर हाई प्रोफाइल के राजनीतिज्ञ हो गए हैं। मगर उनकी पृष्ठभूमि सामान्य परिवार की रही है। उनके पिताजी जनसंघ के नेता रहे। कवर्धा में उनके घर से ही पहले जनसंघ और फिर बीजेपी का ऑफिस चलता था। पेशे से आर्युवेदिक डॉक्टर रमन सिंह के पास अपना कोई क्लिनिक नहीं था। वे दवाई दुकान में बैठकर मरीजों को देखते थे। इससे जो फीस मिलता था, उससे उनका जीवन यापन होता था। रमन सिंह भले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री नहीं हैं, मगर उनका प्रभाव और प्रतिष्ठा अभी भी कायम है।

रमन का सबसे बड़ा प्लस

रमन सिंह का सबसे बड़ा प्लस यह है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीब हैं। दिसंबर 2024 में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी ने भले ही रमन सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया मगर उनका आदर बराबर है। पीएम मोदी ने पिछले छत्तीसगढ़ दौरे में रमन सिंह की तारीफ करते हुए उन्हें मेरे परम मित्र कहकर संबोधित किया था। मोदी ने कहा था, मेरे परम मित्र रमन सिंहजी ने छत्तीसगढ़ में 15 साल तक छत्तीसगढ़ में विकास की मिसाल स्थापित किए थे और अब विष्णुदेव जी उनके काम को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।

रमन मोदी के करीब क्यों?

रमन सिंह का व्यक्तित्व ऐसा है कि उनसे कोई दुराग्रह नहीं पालता। बीजेपी में भी उन्होंने किसी गुट विशेष के लिए काम नहीं किया, बल्कि सबके साथ रहे। मई 2014 में जब लोकसभा चुनाव में वोटिंग खतम हो गई थी, पीएम के दावेदार नरेंद्र मोदी तूफानी प्रचार कर अहमदाबाद लौट चुके थे। उस समय कोई यह गारंटी नहीं दे रहा था कि बीजेपी जीत ही जाएगी। मगर डॉ0 रमन सिंह चार्टर प्लेन से अहमदाबाद चले गए थे नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनने की अग्रिम शुभकामना देने। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। रमन के अलावा और किसी बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री मोदी से मिलने अहमदाबाद नहीं पहुंचे थे, क्योंकि उस समय लालकृष्ण आडवानी का खेमा भी कमजोर नहीं हुआ था।

वफादारी में सबसे आगे

रमन सिंह का नाम उप राष्ट्रपति के लिए चर्चाओं में है तो इसकी एक अहम वजह पार्टी के प्रति उनकी वफादारी और उनकी अपनी शख्सियत है। रमन सिंह ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जो पार्टी लाईन से एक इंच न इधर हो सकते हैं, न उधर, भले ही इसमें उनका नुकसान हो जाए। जगदीप धनखड़ एपिसोड के बाद बीजेपी को भी इसी तरह का आदमी चाहिए, जिसकी पार्टी के प्रति निष्ठा पर रत्ती पपर भी शक न हो।

सिर्फ चर्चाओं में

हालांकि, उप राष्ट्रपति का दावेदार किसे बनाना है, यह बीजेपी और पीएम मोदी को तय करना है। इसकी अभी लंबी प्रक्रिया चलेगी। बीजेपी चूकि काफी आगे की सोचकर चलती है, इसलिए हो सकता है कि वह नाम भी सोच ली होगी मगर नामों को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं, उनमें एक नाम की चर्चा रमन सिंह की भी है।

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