CG Vidhansabha Budget Session 2025: प्रश्नकाल में RI परीक्षा स्कैम, अफसरों की ACB जांच, शिक्षकों पर सवालों का बौछार, CM, वन और राजस्व मंत्री देंगे जवाब
CG Vidhansabha Budget Session 2025– विधानसभा के बजट सत्र में आज से सवालों की बौछार होगी। पहले दिन मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री केदार कश्यप और टंकराम वर्मा अपने अपने भारसाधक विभागों के सवालों का जवाब देंगे। सर्वाधिक सवाल मुख्यमंत्री के विभागों से लगे हैं।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में आज से प्रश्न काल की शुरुआत होगी। कल राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र का आगाज हुआ था।
आज से शुरू हो रहे प्रश्नकाल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने भारसाधक विभागों के सवालों का जवाब देंगे। मुख्यमंत्री के अलावा वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा भी सवालों का जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच, एसीबी द्वारा घूसखोरी के प्रकरण में पकड़े गए अफसर कर्मचारियों की जांच, ईओडब्लू द्वारा भ्रष्ट अफसरों की जांच, बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की समस्या का निराकरण, शिक्षकों के पदोन्नति की जानकारी, डीएमएफ मद के काम, प्रदेश के विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की संख्या, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन एवं उद्देश्य, सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति, प्रसाद योजना की वित्तीय एवं भौतिक स्थिति, सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौत और मुआवजा, प्रदेशवासियों को तीर्थ यात्रा करवाने मे व्यय राशि, प्रदेश में मोटलो की अद्यतन स्थिति, प्रदेश के शासकीय स्कूलों में कौशल विकास आदि की जानकारी मांगी गई है।
वही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंक राम वर्मा से आरआई भर्ती परीक्षा में हुए धांधली, भारतमाला परियोजना के प्रभावितों को मुआवजा, राजस्व के लंबित प्रकरण, शासकीय भूमि पर अवैध बेजा कब्जा और उस पर की गई कार्यवाही, उद्योगों को आवंटित जमीन, राजस्व विभाग में समस्याओं के निराकरण के प्रश्न पूछे गए है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप से वन्य प्राणियों की मौत, गृह निर्माण सहकारी समितियां के बायलॉज में संशोधन करना,नहरों के संधारण, वृक्षारोपण, छत्तीसगढ़ वेटलेटलैंड प्राधिकरण में सम्मिलित भूमि, मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के निर्माण की पूर्णता अवधि, वन विभाग की जमीन पर सार्वजनिक उपयोग हेतु अनुमति की जानकारी, बांध परियोजना से प्रभावितों को मुआवजा आदि की जानकारी मांगी गई है।