CG Teacher News: डेढ़ लाख शिक्षकों की जीत! शिक्षिका सोना साहू को हुआ क्रमोन्नति भुगतान, पंचायत विभाग ने हाई कोर्ट को आज ये बताया....
CG Teacher News: क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर शिक्षिका सोना साहू के मामले में राज्य शासन ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षिका को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत 8 लाख 59 हजार 958 रुपये का भुगतान कर दिया है। सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान के भुगतान के साथ ही छत्तीसगढ़ के डेढ़ लाख शिक्षकों की जीत माना जा रहा है।
Bilaspur High Court
CG Teacher News: बिलासपुर। शिक्षिका सोना साहू के लिए मंगलवार का दिन मंगलमय रहा। राज्य शासन ने हाई कोर्ट को बताया कि सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान का भुगतान कर दिया है। भुगतान की जानकारी मिलते ही प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षकों की बांछे खिल गई है। अब उनके सामने भी उम्मीद जगी है कि सोना साहू की तर्ज पर उन सभी को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा। मंगलवार को जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा पंचायत विभाग के अफसर मौजूद थे। याचिकाकर्ता को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत किए गए भुगतान के संंबंध में दस्तावेज पेश किया है।
क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार ने सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत राशि का भुगतान कर दिया है। सोना साहू की याचिका पर मंगलवार को जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा पंचायत विभाग के अफसर मौजूद थे। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने पंचायत विभाग द्वारा याचिकाकर्ता शिक्षिका सोना साहू को किए गए भुगतान के संबंध में जानकारी दी व दस्तावेज भी कोर्ट के समक्ष पेश किया। सोना साहू के बैंक अकांउट में पंचायत विभाग की ओर से क्रमोन्नत वेतनमान के तहत 8 लाख 59 हजार 958 रुपये के भुगतान की कापी भी सौंपी।
0 राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी एसएलपी, खारिज हो गई है याचिका
बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया था। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शासन की एसएलपी को खारिज कर दिया था। शासन की एसएलपी खारिज होने के बाद से ही माना जा रहा था कि सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ शासन को देना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षकों की आस भी जग गई है।
0 सात हजार करोड़ का करना होगा इंतजाम
राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ के तकरीबन एक लाख शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देना होगा। इसके लिए सात हजार करोड़ का इंतजाम करना होगा। हाई कोर्ट में मंगलवार को राज्य शासन की ओर दे दी गई जानकारी के बाद शिक्षकों में खुशियों का माहौल है, वहीं राज्य सरकार के सामने एक बड़ा संकट भी उठ खड़ा हुआ है। सरकार इस आर्थिक संकट से कैसे उबरेगी और कैसे इतनी बड़ी राशि का इंतजाम होगा यह भी देखने वाली बात होगी।
0 कौन-कौन होंगे क्रमोन्नत वेतनमान के हकदार
वह सभी शिक्षक जो पहले शिक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त हुए और बाद में जिनका पदनाम परिवर्तित हुआ है।जिन्होंने एक ही पद पर 10 साल से अधिक सेवा पूर्ण कर लिया। ऐसे सभी शिक्षकों को एक क्रमोन्नत वेतनमान मिलेगा। ऐसे शिक्षक जिन्होंने एक ही पद पर रहते हुए 20 साल की सेवा पूर्ण की उन्हें दो क्रमोन्नत वेतनमान की पात्रता होगी । उदाहरण के लिए कोई व्याख्याता पद पर 1998 में भर्ती हुआ और 2018 तक उसे पदोन्नति नहीं मिली तो सीधे तौर पर उसे दो क्रमोन्नति की पात्रता है ।
0 क्रमोन्नत वेतनमान पाने वाले शिक्षकों की संख्या को लेकर अटकलबाजी
प्रदेश में संविलियन होने वाले शिक्षकों की कुल संख्या 1,48,000 है। शिक्षकों का यह आंकड़ा छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार है। प्रदेश में 1,30,000 से भी अधिक शिक्षाकर्मियों की भर्ती वर्ष 2014 तक हो चुकी थी। यदि कोई शिक्षक 2014 में भी भर्ती हुआ है और उसे प्रमोशन नहीं मिला है तो ऐसे शिक्षक भी 2024 में क्रमोन्नत वेतनमान के पात्र होंगे ।
0 कोर्ट का आदेश इसलिए महत्वपूर्ण
हाई कोर्ट के निर्णय में पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग दोनों को क्रमोन्नति की राशि देने का आदेश जारी किया गया है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि दोनों सेवाकाल को क्रमोन्नत वेतनमान के लिए जोड़ा गया है। अधिकांश शिक्षाकर्मी जो अब शिक्षक बन चुके हैं वे सभी क्रमोन्नत वेतनमान के हकदार हैं । जिन शिक्षाकर्मियों को किसी भी प्रकार का प्रमोशन नहीं मिला या जिन्हें प्रमोशन मिला लेकिन प्रमोशन मिलने से पहले 10 साल उनके पूर्ण हो चुके थे वह सभी क्रमोन्नत वेतनमान पाने के हकदार हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें शासन को लाभ देना होगा और बहुत से शिक्षक तो ऐसे हैं जिन्हें दो क्रमोन्नत वेतनमान मिलना है ।
0 सरकार के खजाने पर कितना आएगा भार
सरकार के खजाने पर क्रमोन्नत वेतनमान देने से बड़ा भार आने वाला है। यही वजह है कि यह माना जा रहा है कि सरकार के पास जितने भी विकल्प हैं वह सभी विकल्पों को आजमा कर देखेगी। एक शिक्षक को यदि 10 लाख रुपए भी क्रमोन्नत वेतनमान के तौर पर देना पड़े जैसा कि सोना साहू के प्रकरण में गणना हुआ था और 70 हजार शिक्षकों को भी यह राशि देनी पड़े तो सीधे तौर पर 7 हजार करोड़ का भार आएगा। जबकि माना जा रहा है कि वास्तविक एरियर्स राशि इससे भी कही अधिक होगी।
0 क्या है साेना साहू का मामला
सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोना साहू ने अपनी याचिका में बताया था कि वर्ष 2005 में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। एक ही पद पर 10 साल से काम करने के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया था। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश के बाद सीईओ जनपद पंचायत ने क्रमोन्नत वेतनमान का सोना साहू को लाभ दिया और फिर वापस भी ले लिया। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी। सीईओ के आदेश को कोर्ट ने सही ठहराया था। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए सोना साहू ने रिट याचिका दायर की। डिवीजन बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए 2015 से क्रमोन्नत वेतनमान का निर्देश दिया। शासन ने रिव्यू पिटीशन दायर किया था। इसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में शासन ने एसएलपी दायर की थी।
0 ऐसे समझे, कैसे मिलेगा लाभ
0 जो शिक्षक एक ही पद पर 10 साल की नौकरी पूरा कर लिया है क्रमोन्नत वेतनमान के पात्र होंगे।
0 सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन को पालन करना होगा।
0 राज्य शासन ने सामान्य आदेश जारी कर सकता है। या ऐसे भी आदेश जारी कर सकता है कि जिनके पक्ष में कोर्ट का फैसला आया है उनको लाभ दिया जाएगा।
00 सोना साहू को इतनी राशि का हुआ भुगतान
सोमवार 5 मई को बीईओ शिक्षा कार्यालय रामानुजगंज ने ने सोना साहू के बैंक अकाउंट में राशि जमा करा दी है। कुल राशि 8 लाख 59 हजार 958 रुपये जमा किया है। इसमें सीजी पीएफ की राशि 1 लाख 17 हजार 267 रुपये भी शामिल है।