CG News: माओवादी गतिविधि में शामिल शिक्षक की जमानत याचिका खारिज: मतदान दल पर आईईडी ब्लास्ट करने का आरोप

CG News: माओवादी गतिविधि में शामिल शिक्षक की जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा; राज्य के विरुद्ध अपराधों से जुड़े मामलों में और जहां विशेष अधिनियमों के तहत आरोप लगाए गए हों, वहां सामान्यत: जमानत नहीं दी जा सकती शिक्षक पर नवंबर 2023 को मतदान दल पर विस्फोट करने का आरोप है. इसमें एक कांस्टेबल की मौत हो गई थी.

Update: 2025-08-23 13:53 GMT


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बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं बीडी गुरू की डिविज़न बेंच ने गरियाबंद जिला में मतदान दल पर आईईडी ब्लॉस्ट करने के आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य के विरुद्ध अपराधों से जुड़े मामलों में और जहां किसी अभियुक्त पर विशेष अधिनियमों के तहत आरोप लगाए गए हों, वहां सामान्यत: जमानत नहीं दी जा सकती।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि न्यायालयों को ऐसे मामलों में जमानत पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरतने और सख्त रुख अपनाने की आवश्यकता है। आरोपों की गंभीरता, राज्य की सुरक्षा और ऐसे विशेष कानूनों के तहत जमानत देने पर लगाए गए वैधानिक प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों की जमानत आवेदन निरस्त किया गया। ध्यान रहे कि गरियाबंद जिला के मैनपुर क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र को साल 2023 में मतदान समाप्त होने के बाद आई.टी.बी.पी. कांस्टेबल जोगेंद्र कुमार सुरक्षाबल के साथ लौट रहे थे। जब वे बड़ेगोबरा के पास पहुंचे, तो एक बम विस्फोट में घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

वर्तमान अपराध में झूठा फंसाया गया-

पुलिस ने धनेश राम ध्रुव ऊर्फ गुरू जी सहित अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध, भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 147, 148, 149, 302, 307, 120-बी, 121, 121-ए विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धाराएँ 4, 5 और 6, शस्त्र अधिनियम, 1959 की धाराएँ 25 और 27, तथा यूएपीए की धाराएँ 16, 17, 18, 20, 23, 38, 39, के तहत अपराध दर्ज किया था। आरोपी की याचिका में कहा गया कि अपीलकर्ता निर्दोष है। वह प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है और उसका कथित अपराधों से कोई संबंध नहीं है। उसे केवल संदेह के आधार पर, वर्तमान अपराध में झूठा फंसाया गया है, बिना किसी ठोस या विश्वसनीय सबूत के जो उसे संबंधित घटना से जोड़ता हो।

जांच के दौरान एकत्र साक्ष्य में मिली संंलिप्तता-

याचिका में कहा गया कि अपीलकर्ता के पास से कोई भी अपराध सामग्री बरामद नहीं हुई है। कोविड-19 से संबंधित सामग्री, यानी एक साहित्य (पुस्तिका) और एक कागज (पैम्फलेट) अपीलकर्ता के घर से बरामद किया गया है। इसके साथ ही घटना के एक साल बाद, पुलिस ने याचिकाकर्ता को वर्तमान मामले में गिरफ्तार किया है। एनआईए के अधिवक्ता ने जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि अपीलकर्ता के खिलाफ जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य उसकी सक्रिय भागीदारी और संलिप्तता को दर्शाती हैं। अपीलकर्ता ने उक्त आतंकवादी समूह के लिए रसद, सामग्री और सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


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