CG News: 3623 भवन मालिकों को निगम ने थमाया नोटिस: एफडीआर होगी राजसात, रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने पर कार्रवाई

CG News: गिरते भू– जल स्तर को रोकने के लिए पिछले पांच सालों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने वाले 3623 भवन मालिकों को निगम ने नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर भवन बनवाने के दौरान जमा की गई सुरक्षा निधि की राशि को राजसात की जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रति 100 वर्गमीटर पर 1000 की वार्षिक शास्ति भी लगाई जाएगी और यह जुर्माना तब तक जारी रहेगा जब तक संबंधित भवन मालिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर उसकी प्रमाणित जानकारी निगम को नहीं देंगे।

Update: 2025-08-29 07:47 GMT

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CG News: बिलासपुर। गिरते भू-जल स्तर को रोकने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाने वाले 3623 भवन मालिकों की सुरक्षा निधि (एफडीआर) राजसात करने की तैयारी की जा रही है। निगम ने इन्हें तीन दिवस के भीतर संतोषजनक जवाब प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया है। जवाब नहीं देने की स्थिति में प्रति 100 वर्गमीटर पर 1,000 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

बिलासपुर नगर निगम ने शहर में जल संरक्षण को लेकर एक कठोर लेकिन जरूरी पहल की है। निगम आयुक्त अमित कुमार के आदेश पर भवन शाखा ने वर्ष 2018 से 2022 के बीच 1500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्र में भवन निर्माण की अनुमति लेने वाले 3623 भवन स्वामियों को नोटिस भेजा गया है। इन सभी से भवन निर्माण की अनुमति के समय यह शर्त रखी गई थी कि वे अपने परिसरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराएंगे, लेकिन अब तक यह कार्य नहीं किया।

इस शर्त के तहत इन भवन मालिकों से 110 प्रति वर्गमीटर की दर से सुरक्षा निधि भी जमा कराई गई थी। नियमों के अनुसार, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर लेने के बाद लिखित सूचना निगम कार्यालय को देने पर यह सुरक्षा निधि वापस कर दी जाती है, लेकिन सूचना न देने और निर्माण नहीं करने पर अब निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए यह राशि राजसात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम के भवन शाखा द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि तीन दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब या प्रमाण नहीं मिले तो एफडीआर को राजसात कर लिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, प्रति 100 वर्गमीटर पर 1000 की वार्षिक शास्ति भी लगाई जाएगी और यह जुर्माना तब तक जारी रहेगा जब तक संबंधित भवन मालिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर उसकी प्रमाणित जानकारी निगम को नहीं देंगे।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग: क्यों है अनिवार्य?

राज्य शासन ने 150 वर्गमीटर (1500 वर्गफीट) से अधिक के सभी भूखंडों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया है। इससे वर्षा जल का संचयन कर भूजल स्तर को संतुलित किया जा सकता है। भवन निर्माण अनुमति से पहले सुरक्षा निधि के रूप में राशि ली जाती है। निर्माण के बाद प्रमाणित सूचना देने पर राशि वापस कर दी जाती है। ऐसा न करने पर एफडीआर जब्त और जुर्माना दोनों लागू होंगे।

इस संबंध में निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि बीते पांच सालों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने वाले 3623 भवन मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। भवन बनवाने के दौरान जमा की गई सुरक्षा निधि की राशि को राजसात करने की तैयारी है।

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