CG के इस कलेक्टर से हाई कोर्ट ने पूछा कि अस्पताल की व्यवस्था कब तक हो पाएगी दुरुस्त

प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर कलेक्टर सेइ शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी मांगी है।

Update: 2024-09-20 16:25 GMT

बिलासपुर। सिम्स की बदहाली को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण से पूछा कि आप बताएं कि सिम्स की अव्यवस्था सुधर पाएगी या नहीं। इसके लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है और जिम्मेदार अफसर कौन हैं। शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।

मीडिया में प्रकाशित खबर को हाई कोर्ट ने स्वत:संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कलेक्टर से सिम्स की अव्यवस्था को ठीक करने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी मांगी थी। पूरी जानकारी और योजना को शपथ पत्र के जरिए बताने का निर्देश कोर्ट ने दिया था। सिम्स मेडिकल अस्पताल में आम मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं ह। दूर दूर से सिम्स आने वाले मरीज कुछ दिन भर्ती होने के बाद या तो मजबूर होकर वापस लौट जाते हैं या किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का रुख कर लेते हैं। इन सब बातों को लेकर मीडिया में लगातार रिपोर्ट किया गया था।

डीविजन बेंच में सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी के वकील ने कहा था कि, सिम्स मेडिकल कालेज के डीन के पास 95 लाख का फंड है। दवा खरीदी और अन्य जरूरतों के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है। पूर्व में हुई सुनवाई में कलेक्टर ने अपनी ओर से एक शपथ पत्र पेश कर बताया था कि, शासन की ओर से सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के सारे उपाय किये जा रहे हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा था कि अस्पताल में सीपेज की समस्या है और ड्रेनेज सिस्टम खराब पड़ा हुआ है, उसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है। इसके लिये सारी जरूरी कार्रवाई तत्काल की जाए। शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि सिम्स की गंदगी कब दूर हो सकेगी। कब तक लोगों को बेहतर माहौल में स्वस्थ्य सुविधा मिल सकेगी। कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है।

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