CG Employees News: DA समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर फेडरेशन की वित्त सचिव के साथ आज महत्वपूर्ण बैठक... मांगो को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन करेगा काम बंद कलम बंद हड़ताल
CG Employees News: छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी लागू करने की मांग को लेकर फेडरेशन के द्वारा बड़े आंदोलन की घोषणा की गई है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन दिसम्बर में मांगो को लेकर प्रदर्शन करेंगे...
CG Employees News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा दिसम्बर में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की घोषणा की गई है। आंदोलन से पहले वित्त सचिव ने फेडरेशन की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर 12 बजे आयोजित की गईं है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के दिवाली मिलन समारोह में उपस्थित संगठनों के प्रांताध्यक्ष एवं जिला संयोजकों ने कर्मचारियों के लिये मोदी की गारंटी पर सरकार के रवैये की समीक्षा किया गया। सर्वसम्मति से पदाधिकारियों ने सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया के विरुद्ध हड़ताल करने का निर्णय पारित कर रूपरेखा तैयार करने का जिम्मेदारी प्रांतीय कोर कमेटी को दिया गया था। राजधानी रायपुर में 19 नवंबर 25 को कोर कमेटी की बैठक में 22 से 24 दिसंबर तक तीन दिवसीय प्रांतव्यापी काम बंद कलम बंद हड़ताल करने का निर्णय हुआ है।
फेडरेशन के प्रांतीय कोर कमेटी के बैठक की जानकारी देते हुए संयोजक कमल वर्मा, बी.पी. शर्मा,राजेश चटर्जी, सतीश मिश्रा चंद्रशेखर तिवारी,पवन शर्मा, जी.आर.चंद्रा,रोहित तिवारी, संजय ठाकुर,केदार जैन,मनीष मिश्रा,पंकज पांडेय एवं जय साहू ने बताया गया कि बैठक में प्रदेश भर के शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध हो रही अवैधानिक एवं दमनात्मक कार्यवाही की प्रशासनिक प्रवृति के विरूद्ध सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। फेडरेशन ने मुख्य सचिव से तत्काल हस्तक्षेप कर रायपुर कलेक्टर द्वारा धान खरीदी के नाम पर चार शासकीय सेवकों पर दर्ज कराई गई एफआईआर को निरस्त (शून्य) करने की मांग की है।
उन्होंने बताया गया कि धान खरीदी व्यवस्था में कार्यरत कर्मचारियों पर लगातार मानसिक प्रताड़ना एवं अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि कृषि विभाग के सचिव द्वारा पूर्व में ही धान खरीदी के दौरान अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ अनुचित कार्रवाई न करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद कर्मचारियों पर दमनात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे मामले में एक कर्मचारी की गिरफ्तारी को फेडरेशन ने प्रदेशभर के कर्मचारियों के लिए काला कानून निरूपित किया है।
फेडरेशन का आरोप है कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ दमनात्मक रवैया अपनाया जा रहा है। कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना एक तरफा दंडात्मक कार्यवाही करना लोकतंत्र पर सीधा आघात है। लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने हेतु कर्मचारी नेताओं की गिरफ्तारी, निलंबन एवं बर्खास्तगी जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। जोकि असहनीय है। एन.एच.एम कर्मचारियों से किए गए वादों का पालन न होना तथा स्वास्थ्य मंत्री के लिखित निर्देशों के बावजूद बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली न होना एक गंभीर चिंता का विषय है तथा असहिष्णुता का द्योतक है।बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कर्मचारियों के मुद्दों के समाधान हेतु त्रिपक्षीय संवाद स्थापित किया जाए तथा मंत्रालय स्तरीय अधिकारियों को त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश जारी किए जाये।फेडरेशन ने स्पष्ट कहा है कि शासकीय सेवक अपने सेवादायित्वों के निर्वहन के अधीन प्रत्येक विधिसम्मत आदेश का पालन करने को तत्पर हैं।परंतु शासन को भी उनके उचित अधिकार, सुरक्षा और मान-सम्मान का ध्यान रखना होगा। फेडरेशन का कहना है कि यदि सरकार ने दंडात्मक कार्यवाही को वापस नहीं लिया तो फेडरेशन इसका पुरजोर विरोध करने बाध्य होगा।
फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मोदी की गारंटी लागू करने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा है।गौरतलब है कि फेडरेशन के आव्हान पर 22 अगस्त 25 को प्रदेश बंद हड़ताल हुआ था। फेडरेशन के 11 सूत्रीय मुददों में
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए। (मोदी की गारंटी)
DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए। (मोदी की गारंटी)
सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
दैनिक,अनियमित,संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।जैसे मुद्दे शामिल है।