Bilaspur Train Accident: ट्रेन हादसे का दोष ड्राईवर पर थोपा! अहमदाबाद प्लेन क्रेश की तरह अफसरों ने मृत लोको पायलट पर डाली जिम्मेदारी...
Bilaspur Train Accident: अहमदाबाद विमान हादसे की तर्ज पर बिलासपुर ट्रेन हादसे का जिम्मा भी ड्राईवर पर थोप दया गया है। ट्रेन के एक लोको पायलट की मौत हो चुकी है, वहीं दूसरी महिला लोको पायलट की हालत गंभीर है।
Bilaspur Train Accident: बिलासपुर। मंगलवार को मेमू ट्रेन और खड़ी हुई मालगाड़ी की टक्कर को 24 घंटे भी नहीं बीते थे और रेलवे ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के नाम पर लोको पायलट को घटना के लिए जिम्मेदारी ठहरा दिया है। रेलवे की पहली जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मेमू ट्रेन का ड्राइवर लाल बत्ती पर ट्रेन को कंट्रोल नहीं कर सका और बड़ा हादसा हो गया। रेलवे के विशेषज्ञों ने कोई तकनीकी गलती या सिस्टम फेल होने का जिक्र नहीं किया है।
मेनलाइन इले्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट (एमईएमयू) ट्रेन ने मंगलवार को बिलासपुर जिले के लालखदान इलाके में एक खड़ी मालगाड़ी को टक्कर मार दी थी। इसमें लोको पायलट समेत 11 लोगों की मौत हो गई। पहली जांच रिपोर्ट में कहा गया है- ट्रेन संख्या 68733 (एमईएमयू लोकल) का चालक दल खतरे के सिग्नल संख्या एजे-5 पर ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहा और वह ट्रेन संख्या एन/एमडीआईटी (मालगाड़ी) के पिछले ब्रेक वैन (अंतिम डिब्बे) से टकरा गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ट्रेन संख्या 68733 का चालक दल खतरे के सिग्नल से पहले सही समय और स्थान पर ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका। इस तरह ’एसपीएडी’ (सिग्नल पास्ड एट डेंजर) का उल्लंघन किया-यानी लाल सिग्नल को पार कर दिया। जांच रिपोर्ट पांच विशेषज्ञों ने तैयार की, हालांकि तीन ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है क आठ कोच (छह यात्री कोच और दोनों छोर पर दो मोटर कोच) वाली एमईएमयू ट्रेन अपराह्न तीन बजकर 48 मिनट पर गेवरा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो से बिलासपुर की ओर ’अप’ लाइन गया था।
भीषण टक्कर से काफी नुकसान
यह मेमू ट्रेन लाल बत्ती को पार कर अगली लाल बत्ती पर खड़ी 59 वैगन वाली मालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से 3 बजकर 50 मिनट पर टकरा गई। ज्ञात हो कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट मोटर कोच में घायल अवस्था में मिले। बाद में लोको पायलट की मौत हो गई, जबकि सहायक लोको पायलट को अन्य यात्रियों के साथ तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है क बीच की लाइन को शाम चार बजकर 30 मिनट पर ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित किया गया और चौथी लाइन 4 बजकर 50 मिनट पर चालू की गई। राहत कार्य टावर कार के कर्मचारियों ने शाम 4 बजकर 7 मिनट पर शुरू किया।। सहायक लोको पायलट के अस्पताल में भर्ती होने के कारण उसकी ’श्वास विश्लेषण जांच’ नहीं की जा सकी।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त भी पेश करेंगे जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट में गेवरा स्टेशन मास्टर का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा कि एमईएमयू ट्रेन के प्रस्थान के बाद उन्हें गार्ड से वीएचएफ संचार के माध्यम से संदेश मिला कि टक्कर हो गई है और एम्बुलेंस भेजी जाए। एक अधिकारी ने बताया, रेलवे सुरक्षा आयुक्त अब इस दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे।