Bilaspur Train Accident: रेल हादसा: फोर्स लीव पर भेजे गए रेलवे के आला अधिकारी, हादसे के बाद पहली बड़ी कार्रवाई

Bilaspur Train Accident: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए बड़े रेल हादसे के बाद पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। रेल प्रशासन ने सीनियर डीओपी को हटाते हुए फोर्स लीव पर भेज दिया है। रेलवे के इस कार्रवाई के बाद रेलवे के अलग-अलग सेक्शन में काम करने आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

Update: 2025-11-17 06:55 GMT

Bilaspur Train Accident: बिलासपुर। कोरबा बिलासपुर मेमू मालगाड़ी से टकरा गयी थी । भीषण टक्कर में 12 रेल यात्रियों की मौत हो गई, इसमें 10 मौतें दुर्घटना के बाद मौके पर ही हो गई थी। हादसे के बाद रेल प्रशासन ने रेल सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा को दुर्घटना की जांच का निर्देश दिया था। संरक्षा आयुक्त ने मौके पर जांच के बाद आला अधिकारियों और कर्मचारियों से वन-टू-वन चर्चा और बयान लेकर कोलकाता लौट गए हैं। उनके कोलकाता लौटने के बाद अब जाकर बड़ी कार्रवाई की गई है।

रेल प्रशासन ने सीनियर डीओपी वरिष्ठ विद्युत अभियंता (आपरेशनल) को हटा दिया। उन्हें हटाने के साथ ही रेलवे ने सीनियर टीआरडी (वरिष्ठ विद्युत अभियंता कर्षण) को चार्ज दे दिया है। पद से हटाने के साथ ही रेल प्रशासन ने सीनियर डीओपी को फोर्स लीव पर भेज दिया है। जिस तरह से कार्रवाई की गई है माना जा रहा है कि रेलवे प्रशासन ने इस दुर्घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है।

4 नवंबर को गतौरा-लालखदान के बीच बड़ा रेल हादसा हुआ। गेवरारोड-बिलासपुर मेमू और खड़ी मालगाड़ी के भीषण टक्कर हो गई थी। आपस में दो गाड़ियों के टकराने से 12 लोगों की जानें चली गई। इसमें मेमू के लोको पायलट विद्यासागर की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे की भयावहता को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सीआरएस रेलवे संरक्षा आयुक्त को जांच का जिम्मा सौंपा था। चार सदस्यीय तकनीकी अफसरों की टीम के साथ सीआरएस बीके मिश्रा कोलकाता के गार्डनरीच से बिलासपुर पहुंचे और घटना स्थल की बारीकी से जांच की। सीआरएस की अध्यक्षता वाली कमेटी ने फिलहाल अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। कमेटी की रिपोर्ट से पहले ही रेलवे प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है।

रेलवे अफसर के फोर्स लीव पर जाने के ये कारण

लोको पायलट विद्यासागर साइको टेस्ट पास नहीं था। यह जानते हुए एक असिस्टेंट लोको पायलट की साथ ड्यूटी लगाकर मेमू के परिचालन की जिम्मोदारी सौंप दी थी। माना जा रहा है कि इसके चलते भीषण दुर्घटना घटी जिसमें लोको पायलट सहित 12 यात्रियों की जान चली गई। माना जा रहा है इस गंभीर चूक के लिए रेलवे प्रशासन ने वरिष्ठ विद्युत अभियंता (आपरेशनल) मसूद आलम को दोषी मानते हुए फोर्स लीव पर भेज दिया है। उनकी जगह पर वरिष्ठ विद्युत अभियंता कर्षण विवेक कुमार को प्रभार सौंप दिया गया है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि आने वाले दिनों कुछ और आला अफसरों पर कार्रवाई होगी। बता दें कि लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट वरिष्ठ विद्युत अभियंता (आपरेशनल) के अधीन होते हैं। उनके द्वारा ही चालकों की ड्यूटी लगाई जाती है। वरिष्ठ विद्युत अभियंता ही तय करते हैं, किस लोको पायलट की ड्यूटी कौन सी ट्रेन में लगाई जाएगी।

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