Bilaspur Highcourt News: नेता प्रतिपक्ष के बेटे को हाईकोर्ट से राहत, शिक्षिका द्वारा करवाई एफआईआर अदालत ने की रद्द...
Bilaspur Highcourt News : बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल को हाकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शिक्षिका द्वारा करवाए गए बलात्कार व गर्भपात की एफआईआर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने माना है कि प्रार्थिया वयस्क और समझदार थी। उसे संबंधों के बारे में पूरी समझ थी और जो भी हुआ उसकी सहमति से हुआ।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर एक आदिवासी स्कूल शिक्षिका ने रेप का आरोप लगा रायपुर में शिकायत की थी। शिकायत में प्रार्थिया ने बताया था कि वह स्कूल टीचर है 2018 में फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से पलाश से उसकी बातचीत शुरू हुई और दोनों की दोस्ती हुई। इसके बाद पलाश ने उसके साथ शादी का झासा देकर लंबे समय तक यौन संबंध स्थापित किया। शारीरिक संबंधों के चलते वह 2021 में गर्भवती हो गई थी, लेकिन पलाश चंदेल ने उसे धोखे से गर्भपात की दवा खिला दी। जिससे उसका गर्भपात हो गया। पीड़िता ने पलाश द्वारा मारपीट करने व नौकरी से निकलवाने की धमकी देने का आरोप भी लगाया था। पीड़िता की शिकायत पर रायपुर के महिला थाने में धारा 376,376(2) ( छ) 313 व 3 (2) एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत शून्य में अपराध दर्ज कर केस डायरी जांजगीर स्थानांतरित कर दिया था।
जांजगीर पुलिस मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान प्रार्थिया ने राज्य महिला आयोग व अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत कर पलाश की गिरफ्तारी की मांग की थी। पीड़िता का पुलिस पर भी आरोप था कि राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस आरोपी पलाश की गिरफ्तार नहीं कर रही है। जिससे उसकी जान को खतरा उत्पन्न हो सकता है। इस दौरान पुलिस ने पलाश की गिरफ्तारी के लिए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के घर के अलावा अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी थी। अप्रैल माह में पलाश को हाईकोर्ट से मामले में अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसके बाद पलाश चंद ने पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर मुचलका ले लिया था। इसके साथ ही पलाश ने अधिवक्ता हरि अग्रवाल के माध्यम से एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
अदालत को बताया कि प्रार्थिया पढ़ी लिखी समझदार महिला है। जो कि शासकीय सेवा में है। साथ ही वह प्रार्थिया से दस साल बड़ी है। पलाश की उम्र 27 साल तो वही प्रार्थिया की उम्र 37 साल है। ऐसे में कैसे प्रार्थिया को याचिकाकर्ता शादी का झांसा दे सकता है? अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दोनों के मध्य दोस्ती जरूर थी, पर यह दोनों की सहमति से थी जो तीन साल तक चली। प्रार्थिया पहले से ही शादी शुदा थी जो पलाश की जानकारी में भी थी। ऐसी स्थिति में शादी का झांसा देकर यौन शोषण का प्रश्न ही नहीं उठता। और पहले से शादीशुदा महिला को शादी का झांसा कैसे दिया जा सकता है। दोनों के मध्य जो भी हुआ वह दोनों की सहमति से ही हुआ है। व्यस्क होने के नाते प्रार्थिया अपने हितों के लिए पूर्णतः परिपक्व थी, अतः उसे झांसा देकर एबॉर्शन नही करवाया जा सकता। महिला का यह भी कहना है कि उसकी मर्जी के बिना गर्भपात करवाया गया जो कि संभव नहीं है। अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की अदालत ने पलाश चंदेल के खिलाफ सभी धाराओं में दर्ज एफआईआर रद्द कर दिया है।