Bilaspur High Court: सड़कों पर आवारा मवेशियों का डेरा... हाई कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को किया तलब

Bilaspur High Court: सड़कों पर आवारा मवेशी के चलते लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। मवेशी भी रोड एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं।

Update: 2024-09-24 04:04 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने राज्य शासन से पूछा कि मवेशियों का समुचित देखभाल और प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा है। रोड एक्सीडेंट में मवेशी के साथ ही लोग भी घायल हो रहे हैं और कालकलवित भी हो रहे हैं। चीफ जस्टिस ने चीफ सिकरेट्री को इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।

बीते सुनवाई के दौरान एनएचएआई के अफसरों ने हाई कोर्ट को बताया था कि मवेशियों को सड़कों से हकालने के बाद फिर आ जाते हैं। मवेशियों को सुरक्षित रखने की समुचित व्यवस्था ना होने के कारण वे दोबारा सड़कों पर आ जाते हैं। अफसरों ने मवेशियों में जियो टैगिंग का सुझाव दिया था। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस संबंध में जानकारी मांगी और पूरी योजना बताने का निर्देश दिया है।

सड़कों पर मवेशी,इस तरह हो रहा एक्सीडेंट

घटना सोमवार की है। सीपत थाना क्षेत्र के एरमसाही का है। जहां भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दर्रीघाट से कोरबा के बीच बाईपास हाइवे निर्माण का काम चल रहा है। बताया जा रहा है, निर्माणाधीन हाइवे में आज तड़के अज्ञात वाहन ने सड़क में बैठे 18 से ज्यादा गौवंशों को कुचल दिया। घटना सीपत थाना क्षेत्र के एरमसाही का है। जहां भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दर्रीघाट से कोरबा के बीच बाईपास हाइवे निर्माण का काम चल रहा है। बताया जा रहा है, निर्माणाधीन हाइवे में आज तड़के अज्ञात वाहन ने सड़क में बैठे 18 से ज्यादा गौवंशों को कुचल दिया।

हाई कोर्ट के निर्देशों का भी नहीं है परवाह

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में इसकी सुनवाई चल रही है। बीते दिनों हाई कोर्ट ने राज्य शासन को इस संबंध में शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी थी। साथ ही कोर्ट ने निर्देशित भी किया था कि गोवंशों को सुरक्षित जगह पर रखा जाए।

0 जशपुर में किसानों ने कर दिया था चक्काजाम

जशपुर जिले के किसानों ने आवारा मवेशियों से परेशान होकर बीते दिनों सड़क जाम कर दिया था। किसानो का कहना था कि आवारा मवेशियों से उनकी फ़सल को नुकसान हो रहा है। मवेशी रात में खेतोँ में घुस जाते है और उनकी फसलों को चौपट कर रहे हैँ। मवेशियों और पालको के विरुद्ध कार्रवाई के लिए किसानो ने तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियो को ज्ञापन भी दिया था।

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