Bilaspur High Court News: चिकित्सकों ने हाई कोर्ट से कहा- दुष्कर्म पीड़िता की जान बचानी है तो आपरेशन की है तत्काल जरुरत, पढ़िए हाई कोर्ट ने क्या आदेश जारी किया

Bilaspur High Court News: गर्भवती पीड़िता का स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले चिकित्सकों ने हाई कोर्ट को बताया कि गर्भ ठहरने के कारण पीड़िता की शारीरिक तकलीफ होने लगी है। जल्दी आपरेशन नहीं किया गया तो पीड़िता के जान को खतरा हो सकता है।

Update: 2025-05-14 10:40 GMT

Bilaspur High Court

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। दुष्कर्म से गर्भवती हुई पीड़िता छात्रा की शारीरिक स्वास्थ्य भी अब खतरे में आते दिखाई दे रहा है। पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सकों ने हाई कोर्ट को बताया कि गर्भ ठहरने और अवधि लंबी होने के कारण अब पीड़िता के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने लगा है। जल्द ही गर्भपात नहीं किया गया तो पीड़िता की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। चिकित्सकीय रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में अबार्शन कराने की अनुमति दे दी है। इसके लिए जरुरी औपचारकिता पूरी करने की बात भी कोर्ट ने कहा है। कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत पीड़िता की पहचान गोपनीय रखने का निर्देश राज्य शासन व मेडिकल टीम को दिया है।

पीड़िता नाबालिग छात्रा आरोपी के बहकावे में आकर उसके साथ चली गई थी। इसी बीच मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता काे देखते हुए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 (1), 64(2) 64 (2) (एफ), 64 (2) (एम), 365 (2) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत जुर्म दर्ज किया है। एफआईआर के बाद पुलिस ने पीड़िता को सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय जांच परीक्षण के लिए भेजा था। चिकित्सकीय जांच में पीड़िता को 10 महीने चार दिन का गर्भ में पाया। भ्रूण जीवित अवस्था में है। पीड़िता की उम्र को देखते हुए व हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण चिकित्सकों ने गर्भपात की अनुमति नहीं दी और ना ही अबार्शन किया। गर्भ ठहरने और बढ़ने के कारण पीड़िता छात्रा को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आने लगी थी। इसे ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों ने हाई कोर्ट को जानकारी दी थी।

CMHO ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पीड़िता का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कोर्ट ने यह भी जानकारी मांगी थी कि अबार्शन करने की स्थिति में पीड़िता का स्वास्थ्य कैसे रहेगा,कोई खतरा तो नहीं है। कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल जांच रिपोर्ट सीएमएचओ ने कोर्ट को सौंप दी है। सीएमएचओ ने अपनी रिपोर्ट में पीड़िता का अबार्शन करने की बात कही है। सीएमएचओ की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने पीड़िता का विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को अपनी या कानूनी अभिभावक के साथ जिला अस्पताल जाने कहा गया है। कोर्ट के निर्देश के बाद चिकित्सकों की टीम पीड़िता का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का दोबार जांच करेगी। सब-कुछ ठीक रहा तो गर्भपात कराया जाएगा।

भ्रूण रखना होगा सुरक्षित

हाई कोर्ट ने चिकित्सकों से कहा है कि पीड़िता के गर्भपात के बाद भ्रूण को सुरक्षित रखना होगा। भ्रूण का डीएनए नमूना लिया जाएगा।

Tags:    

Similar News