Bilaspur High Court: दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के पक्ष में आया हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

Bilaspur High Court: दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के पक्ष में बिलासपुर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस बीडी गुरु ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर नियमितिकरण का आदेश दिया है। पढ़िए राज्य शासन के किस- किस विभाग के कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका।

Update: 2025-05-09 07:07 GMT
Bilaspur High Court: दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के पक्ष में आया हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
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Bilaspur High Court-बिलासपुर। दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस गुरु ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता कर्मचारियों के नियमितिकरण का आदेश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए राज्य शासन को 60 दिन की मोहलत दी है।

योजना एवं सांख्यिकी विभाग कांकेर एवं रायपुर में संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत बृहस्पति त्रिपाठी, राजकुमार चोपड़ा, सनत कुमार और कन्हैयालाल मानिकपुरी ने अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली के जरिए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता कर्मचारियों ने अपनी याचिका में कहा कि राज्य शासन ने जिन अर्हताओं के तहत नौकरी दी थी उसे सभी पूरा करते हैं। जरुरी शैक्षणिक योग्यता के साथ ही पर्याप्त अनुभव भी है। याचिका में इस बात की भी जानकारी याचिकाकर्ताओं ने दी है कि सभी कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्यरत हैं। विभाग में काम करते 10 साल से भी अधिक का समय हो चुका है। याचिका के अनुसार वे सभी जिस पद पर कार्य कर रहे हैं,कामकाज का पर्याप्त अनुभव भी रखते हैं।

लंबे समय से विभाग में काम कर रहे हैं लिहाजा वर्क कल्चर को भी अच्छी तरह जानते और समझते हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता इशहादिल ने राज्य शासन के नियमों व मापदंडों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि जिन नियमों व शर्तों के तहत नियमित पद के विरुद्ध याचिकाकर्ता कर्मचारी काम कर रहे हैं वहां सभी को 10 साल से भी अधिक का अनुभव है।

नियमित पद के विरुद्ध संविदा या फिर दैनिक वेतनभागी के रूप में काम कर रहे हैं। नियमितिकरण की स्थिति में सभी पर्याप्त अनुभव व शैक्षणिक योग्यता रखते हैं। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी याचिकाकर्ता कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए राज्य शासन को 60 दिन का समय दिया है।

0 PWD के कर्मचारियों के बाद दायर की याचिका

सबसे पहले पीडब्ल्यूडी अंबिकापुर सरगुजा जिले के संविदा व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आने के बाद रायपुर व कांकेर में योजना एवं सांख्यिकी विभाग में कार्यरत संविदा व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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