Bastar Dussehra 2025 : प्रसिद्ध रस्म 'डेरी गड़ाई' संपन्न, रथ निर्माण शुरू
Bastar Dussehra 2025 : इस रस्म के साथ बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी की परिक्रमा के लिए रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू.
Bastar Dussehra 2025 : छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ बस्तर संभाग के विश्व प्रसिद्ध त्यौहार बस्तर दशहरा की दूसरी प्रमुख रस्म 'डेरी गड़ाई' निभाई गई. यह रस्म बस्तर दशहरा की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण रस्म है. इस रस्म का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह बस्तर दशहरा के रथ निर्माण की शुरुआत का प्रतीक है. इस रस्म के साथ बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी की परिक्रमा के लिए रथ निर्माण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू करने की अनुमति मिलती है.
साल की पवित्र टहनियां लाई गई
डेरी गड़ाई रस्म के तहत बिरिंगपाल गांव से विशेष रूप से साल की पवित्र टहनियां लाई गई. इसे सिरहासार में खंभों के साथ विधि-विधान और पूजा के साथ गाड़ा गया. यह प्रक्रिया पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों के बीच मंत्रोच्चार और परम्परागत रीति-रिवाजों के साथ होती है.
डेरी गड़ाई रस्म के अवसर पर महिलाओं ने हल्दी खेलने की परंपरा को निभाया. जिसमें वे एक-दूसरे पर हल्दी छिड़ककर उत्सव की खुशी को साझा करती हैं. यह स्थानीय संस्कृति और सामुदायिक एकता को दिखाता है. इसके साथ ही सामाजिक समरसता को भी मजबूत करती है.
संवरा जाति के कुशल कारीगर करेंगे निर्माण
डेरी गड़ाई रस्म के समापन के साथ ही रथ निर्माण का कार्य विधिवत शुरू हो गया है. इस कार्य को झाड़ उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के संवरा जाति के कुशल कारीगर करेंगे. ये कारीगर अपनी परंपरागत तकनीकों और औजारों का उपयोग करते हुए रथ को तैयार करेंगे.
यह प्रक्रिया न केवल कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखती है. यह रथ उत्सव का एक केंद्रीय प्रतीक है. रथ परिक्रमा बस्तर दशहरा में मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है. जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं. साथ ही देश-विदेश के सैलानी भी शामिल होते हैं.
डेरी गड़ाई रस्म के दौरान दशहरा समिति के अध्यक्ष, सदस्य, मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन और बड़ी संख्या में स्थानीय समुदाय, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी रही.