Balrampur Dam Accident: छत्तीसगढ़ में बांध टूटने से मचा हाहाकार, अब तक 5 लोगों की मौत, कई लापता, मृतकों में बच्चे भी शामिल
Balrampur Dam Accident: छत्तीसगढ़ में बांध के टूटने से निचले इलाके में बसे घर इसकी चपेट में आ गयी. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
Balrampur Dam Accident: बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बारिश कहर बनकर टूट पड़ी है. भारी बारिश के चलते बलरामपुर जिले के ग्राम धनेशपुर स्थित लुत्ती (सतबहिनी) डैम टूट गया. बांध के टूटने से निचले इलाके में बसे घर इसकी चपेट में आ गयी. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं. जबकि एक वृद्ध व बच्चा अभी भी लापता है.
जानकारी के मुताबिक़, मंगलवार की रात करीब 11 बजे की है. जब बलरामपुर जिले केग्राम पंचायत विश्रामनगर के ग्राम धनेशपुर में साड़सा लुत्ती बांध टूट गया. बाँध का पानी पूरे वेग से नीचे की ओर बहने लगा. बांध के टूटने से निचले इलाके में बसे 4 घर बाढ़ की चपेट में आ गए. जिससे घर ने सो रहे एक ही परिवार के सात लोग बह गए.
पांच लोगों की मौत
इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गयी. मृतकों में बतशिया (61 साल ) पति रामवृक्ष और चिंता (35 साल ) पति सजिवन, रजंती (28 साल ) पति गणेश खैरवार, उसकी बेटी प्रिया (6 साल ) और बेटा कार्तिक सिंह (6 साल ) शामिल है. कार्तिक सिंह का शव गुरुवः की सुबह घर से करीब एक किलोमीटर दूर नाले में मछली पकड़ने गए ग्रामीणों को मिला है. जबकि बीटा वंदना सिंह (3) और वृष जीतन सिंह (65) अभी भी लापता है. जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय टीमें लापता लोगों की खोज में जुटी है.
चार घर क्षतिग्रस्त, कई मवेशी बह गए
बांध टूटने चार घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके अलावा कई मवेशी बह गए. बाढ़ में 55 बकरी, पांच गायें एवं चार बैल बह गए. साथ ही कई फसलें भी ख़राब हो गयी हैं.
ग्रामीणों का कहना है पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जलाशय लबालब भरा हुआ था. मंगलवार सुबह से ही जलाशय के एक हिस्से से पानी का हल्का रिसाव हो रहा था. जल संसाधन विभाग की ओर से निगरानी नहीं होने के कारण यह जानकारी उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंच सकी. वहीँ अब भारी बारिश से बांध ओवर फ्लो होकर टूट गया.
सालों से नहीं हुआ मरम्मत
बता दें, बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत विश्रामनगर के ग्राम धनेशपुर में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 1980 - 81 में बाँध का निर्माण कराया गया था. दो ओर से पहाड़ से घिरे बाँध में एक ओर से नाला का पानी आता है. अंतिम बार मरम्मत वर्ष 2007-08 में मनरेगा मदद से इसका मरम्मत कराया गया था. इसके बाद से मरम्मत नहीं हुआ
हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी शोक व्यक्त किया है. उन्होंने घटना में हुई जनहानि के लिए शासकीय नियमों के अनुरूप अनुग्रह सहायता देने का ऐलान किया है. बुधवार देर शाम कृषि मंत्री रामविचार नेताम प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की. उन्होंने अधिकारियों से जल्द से जल्द मुआवजा के लिए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.