कोरोना मौत के तांडव नृत्य से थर्रा रहा है छत्तीसगढ़.. शवों की बेअदबी की खबरों के बीच ट्वीटर पर सियासत का चना ज़ोर गरम देख एक नागरिक ने लिखा – “चोर-चोर मौसेरे भाई हो क्या”

Update: 2021-04-15 03:30 GMT

रायपुर,15 अप्रैल 2021। कोरोना से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। संक्रमित राज्यों के सुची में छत्तीसगढ़ बहुते तेज़ी से उपर पायदान की ओर जा रहा है। बदहाली का आलम यह है कि, कोरोना से मौतों का सिलसिला भी बढ़ रहा है। राज्य की राजधानी हो या राजनांदगाँव या कि दुर्ग सभी जगहों पर ऑक्सीजन सिलेंडर वाले बेड समेत रेमिडिसवीयर को लेकर मारा मारी की खबरें हैं। पर खबरें यह भी है कि शवों से बेअदबी हो रही है। शवों की बेअदबी के बीच सोशल मीडिया एकाउंट ट्वीटर पर सियासत का चना-ज़ोर गरम खूब ज़ोर से गूंज रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राजनांदगाँव के डोंगरगाँव में कोविड सेंटर में कोरोना से मारे गए चार लोगों के शव नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहन से ले जाए जाने की खबर शेयर करते हुए ट्वीटर पर “हे राम” लिखा। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने रिट्वीट करते हुए इस मसले पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरुर याद दिला दिया कि, डॉ रमन सिंह के शासनकाल में नक्सली हमले में शहीद जवानों की वर्दियाँ कैप और बैज मेकाहारा अस्पताल की नालियों में मिले थे। आरपी सिंह ने ट्वीट में लिखा –
“शहीद जवानों के शव कचरा ढोने वाली गाड़ी में परिवहन करने वाले डॉक्टर रमन सिंह जी आज आपको हे राम की याद आ रही है? आप ही के शासनकाल में शहीद हुए पैरामिलिट्री जवानों की वर्दियां, कैप और उनके बैज मेकाहारा अस्पताल की नालियों में पड़े मिले थे, कुछ याद आया?अब आप आराम से हे राम कहिए…”
कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह के इस रिट्विट पर नीचे लिखे कमेंट ध्यान खींचते हैं।चंद्रकांत नामक यूजर ने लिखा –
“साहब उनके इस कृत्य के कारण जनता ने उन्हें सरकार से उतार दिया आप भी वही कर रहे फिर अंतर क्या रहा आपके और उनके में… संवेदना को तो मत मार डालिये । चोर चोर मौसेरा भाई है क्या ये ट्वीट के खेल बंद करिये ऑक्सीजन ,बेड ,दवाई है कि नही वो देखिए”
एक और यूज़र सुधाकर तंबोली ने लिखा –
“इसका मतलब आप बदला ले रहे है और उससे भी बुरा करने की”
कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह के रिट्वीट पर आए ये कमेंट अपने आप में सब कुछ स्पष्ट करते हैं। पर ये सियासत का चना-जोर गरम है जो सोशल मीडिया पर गर्मा गर्म है।
सत्ता जिसकी हो उसके लिए शायद बेहद कठिन होता है कि वह यह स्वीकार करें कि सिस्टम कॉलेप्स सा है। फिर सत्ता पर डॉ रमन सिंह रहें या कि कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह की पार्टी।

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