IPS Mayank Gurjar Biography in Hindi: आईपीएस मयंक गुर्जर का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस मयंक गुर्जर?

IPS Mayank Gurjar Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– मयंक गुर्जर छत्तीसगढ़ कैडर के 2020 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः मध्यप्रदेश के रहने वाले है। आईआईटी से बीटेक करने के बाद पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनें हैं।

Update: 2024-07-07 14:10 GMT

IPS Mayank Gurjar

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एनपीजी। आईपीएस मयंक गुर्जर छत्तीसगढ़ कैडर के 2020 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले है। इंदौर के एक स्लम एरिया में रहकर काफी संघर्षों से पढ़ाई मयंक ने की है। उन्हें पढ़ाने के लिए उनकी मां ने नौकरी तक की। उनके पिता का देहांत उनके 12वीं क्लास में रहने के दौरान हो गया था। काफी संघर्षों से पढ़ाई कर मयंक ने प्रथम प्रयास में यूपीएससी क्रैक की है। वर्तमान में मयंक गुर्जर मोहला–मानपुर– अंबागढ़ चौकी जिले में एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

मयंक गुर्जर का परिवार मूलतः मध्यप्रदेश के हरदा जिले के डेडगांव का रहने वाला है। लेकिन उनके पिता स्वर्गीय गोविंद गुर्जर सन 1990 में इंदौर के विराट नगर स्थित मुसाखेडी में आकर बस गए। उनके पिता निजी कंपनी में अकाउंटेंट थे।

मयंक गुर्जर का इंदौर के मुसाखेड़ी स्लम एरिया में 4 जुलाई 1995 को जन्म हुआ। उन्होंने केजी वन से पांचवीं तक मध्यप्रदेश बोर्ड से पढ़ाई की। फिर छठवीं से बारहवीं तक सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई की। ग्यारहवीं व बारहवीं भौतिकी, रसायन व गणित विषयों के साथ उत्तीर्ण की। छठवीं क्लास में जब मयंक गुर्जर पहुंचे तो स्कूल बदल कर सीबीएसई स्कूल में एडमिशन लेने के चलते स्कूल की फीस बढ़ गई थी। मयंक को पढ़ाने के लिए उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया। उनकी स्कूल की फीस पटाने के लिए उनकी मां प्रेमलता गुर्जर ने जब मयंक छठवीं क्लास में थे तब से काम करना शुरू कर दिया। एक मेडिकल स्टोर में डाटा एंट्री का काम मयंक की मां करती थीं। मयंक की मां केवल 12वीं तक शिक्षित हैं। पर मयंक को पढ़ने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया।

मयंक जब 11 वीं क्लास में थे तो उनके पिता की तबियत खराब रहने लगी और वे अक्सर हॉस्पिटलाईज रहने लगे थे। बीमारी के चलते उनके पिता की नौकरी भी चली गई। जिसके चलते उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई। इस दौरान मयंक स्कूल में जाकर पढ़ाई भी करते थे और अपने पिता की हॉस्पिटल जाकर सेवा भी करते थे। एक समय ऐसा आया जब मयंक बारहवीं में थे और उनकी आईआईटी प्रवेश परीक्षा होने वाली थी तब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया और कह दिया कि उनके पिता के पास अब चंद दिन ही बचे हैं, इनकी जितनी सेवा करनी है कर लो। तब मयंक ने पिता की सेवा करते हुए एग्जाम फेस किया। आईआईटी प्रवेश परीक्षा के दौरान ही उनके पिता की मौत हो गई। सारे विधानों को निभाने के बाद मयंक गुर्जर ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा क्रैक कर ली। मयंक के पिता ने निधन से केवल आठ दिनों पहले ही उनकी मां से कहा था कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो पर मयंक को पढ़ाना जरूर। पढ़ाई के लिए अंतिम अचल संपत्ति के रूप में जो घर है वह भी बेचना पड़े तब भी बेच देना। जिसे उनके जाने के बाद उनकी मां ने पूरा भी किया

जेईई के पहले अटेम्प्ट में मयंक का एग्जाम तो क्लियर हो गया। पर उन्हें मनचाहा कॉलेज नहीं मिला। जिसके चलते इंदौर में घर पर ही रहकर मयंक ने दुबारा तैयारी की और सलेक्ट हुए। दोबारा एग्जाम देने के पीछे मयंक का कारण यह भी था कि पिता की मौत के बाद वे कुछ समय अपनी मां के साथ समय बिताना और भावनात्मक तौर पर उनका साथ देना चाहते थे। दूसरे प्रयास में जेईई निकाल कर मनचाहे कॉलेज आईआईटी मुंबई में केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच से एमटेक किया। इस दौरान उन्होंने स्कॉलरशिप से और बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना खर्च निकाला। इसके अलावा मयंक गुर्जर ने एजुकेशन लोन भी लिया था। बीटेक के बाद मयंक यूपीएससी क्रैक करने की चाह में किसी भी कैंपस इंटरव्यू में नही बैठे। वे यूपीएससी की तैयारी करने लगे।

यूपीएससी की तैयारी के लिए मयंक ने वैकल्पिक विषय के रूप में केमेस्ट्री चुना था। वे अपने विषय की तैयारी के लिए कोचिंग हेतु दिल्ली भी गए थे। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते उन्होंने कोचिंग जाकर कोचिंग के सर को बता दिया था कि वह फीस नहीं दे सकते। पर उनकी तैयारी के प्रति लगन को देखते हुए मयंक गुर्जर को पढ़ाने के लिए सर तैयार हो गए। किराए का सस्ता रूम जल्दी उपलब्ध नहीं होने के चलते मयंक ने कुछ दिन सर से गुजारिश करके कोचिंग के ही बेंच में सोकर राते गुजारी। इस तरह से संघर्ष करते हुए मयंक गुर्जर प्रथम प्रयास में ही 455 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस के लिए चुन लिए गए।

प्रोफेशनल कैरियर:–

मयंक गुर्जर ने 10 अक्टूबर 2020 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात मयंक गुर्जर की फील्ड ट्रेनिंग के लिए आईपीएस के तौर पर राजनांदगांव जिले में नियुक्ति हुई। वे यहां डोंगरगांव थाना प्रभारी रहे। इस दौरान जनता के सहयोग से 50 लाख के कैमरे का प्रोजेक्ट लांच किया। राजनांदगांव के बाद मयंक गुर्जर राजधानी रायपुर के आजाद चौक सीएसपी बने। आजाद चौक के बाद वर्तमान में मयंक गुर्जर मोहला– मानपुर– अंबागढ़ चौकी जिले में एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ हैं।

हॉबीस:–

मयंक गुर्जर को कुकिंग के अलावा गाने सुनने का भी शौक हैं।

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