IPS Amit Kumar: छत्तीसगढ़ के खुफिया विभाग के चीफ अमित कुमार को राष्ट्रपति पदक: सीबीआई में रहते उत्कृष्ट काम करने के लिए मिला मैडल
IPS Amit Kumar:
IPS Amit Kumar: रायपुर। छत्तीसगढ़ के खुफिया विभाग के चीफ आईपीएस अमित कुमार को राष्ट्रपति के पुलिस पदक के लिए चुना गया है। उन्हें यह पद सीबीआई में रहते उनकी सराहनीय और उत्कृष्ठ सेवा के लिए दिया जाएगा। गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह घोषणा की है। बता दें कि 1998 बैच के एडीजी अमित कुमार हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। राज्य सरकार ने उन्हें प्रदेश के खफिया विभाग की कमान सौंपी है।
जयदीप सिंह और अमरेश मिश्रा को भी मैडल: छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईपीएस जयदीप सिंह, एनआईए में पदस्थ छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अमरेश मिश्रा को भी राष्ट्रपति पद देने की घोषणा की गई है।
पुलिस अफसर बनना सपना था
मूलतः यूपी के रहने वाले अमित कुमार की मोदीनगर से स्कूलिंग हुई। इसके बाद दिल्ली आईआईटी में उनका सलेक्शन हो गया। 1997 में वे बीटेक किए। इंजीनियरिंग करने के बाद फर्स्ट अटैंप्ट में ही 98 में वे यूपीएससी में आईपीएस के लिए सेलेक्ट हो गए। चूकि बचपन से उनका सपना था, पुलिस अफसर बनने का, सो आईपीएस में सेलेक्ट होने के बाद फिर आईएएस के लिए ट्राई नहीं किया। आईपीएस में उन्हें पहले एमपी कैडर मिला। फिर राज्य बंटवारे में छत्तीसगढ़ आ गए। उनका प्रोबेशन उज्जैन में हुआ। छत्तीसगढ़ में पहली पोस्टिंग उनकी सीएसपी कोतवाली रही।npg.newsफिर यहीं एडिशनल एसपी बने।
6 जिलों के एसपी रहे
रायपुर से फिर पहली बार एसपी बनकर बीजापुर गए। उस समय नक्सल हिंसा चरम पर था। बीजापुर के बाद वे राजनांदगांव, जांजगीर चांपा, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के वे एसपी रहे। एसपी के तौर पर रायपुर उनका अंतिम जिला रहा। रायपुर एसपी रहते हुए ही उनकी सीबीआई में पोस्टिंग हो गई। 2011 में वे सीबीआई गए और करीब 12 साल वहां रहने के बाद दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ लौटे। दरअसल, देश के चर्चित कोल स्कैम में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई का नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी मिली थी। सीबीआई में वे ज्वाइंट डायरेक्टर पॉलिसी जैसे पद पर रहे, जो सीधे पीएमओ के टच में रहता है। ज्वाइंट डायरेक्टर पॉलिसी, सीबीआई में काफी प्रभावशाली पद माना जाता है
साफ सुथरी छवि
आईपीएस में सेलेक्ट होने के बाद 98 से 2011 तक याने 13 साल छत्तीसगढ़ में रहे। पांच जिलों के एसपी रहने के बाद भी अमित का कैरियर निर्विवाद रहा। बहरहाल, अमित के खुफिया चीफ बनने के बाद खटराल पुलिस अधिकारियों में बड़ी बेचैनी है। अमित के कार्यभार ग्रहण करने के बाद पुलिस के वसूली गैंग की दिक्कतें बढ़ सकती है, ऐसा पुलिस के अधिकारी ही मानते हैं। क्योंकि, उन्हें मैदानी इलाके के साथ ही बस्तर में काम करने का अवसर मिला है।