IAS-Professor News: IAS बड़ा या प्रोफेसर? दो-दो CM बदल गए मगर सिकरेट्री नहीं बदले, पोस्टिंग के बाद भी महिला IAS को चार्ज हैंडओवर नहीं

IAS-Professor News: माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव का पोस्ट आईएएस लेवल का है। इसके बाद भी प्रोफसर आठ साल से कुर्सी पर जमे हुए हैं। वो भी रिटायरमेंट की एज पार करने के बाद। सचिव को पिछले साल रिटायर हो जाना चाहिए। मगर वे ऐसे जादूगर हैं कि माशिमं के चेयरमैन डॉ0 आलोक शुक्ला ने उन्हें रिटायर होने से छूट देने संबंधी नोटशीट चला दी। मगर विधिक अधिकारियों की सलाह पर तत्कालीन मंत्री ने रिटायरमेंट एज बढ़ाने मंजूरी नहीं दी। नई सरकार ने उन्हें हटाकर आईएएस को पोस्ट किया मगर वे कुर्सी छोड़ नहीं रहे।

Update: 2024-02-07 10:50 GMT

IAS-Professor News: रायपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल का चेयरमैन का पद चीफ सिकरेट्री लेवल का है और सचिव का पद ज्वाइंट सिकरेट्री लेवल का। राज्य बनने के बाद सचिव की कुर्सी पर अनेक आईएएस, आईएफएस अफसरों की पोस्टिंग हुई। आखिरी पोस्टिंग आईएफएफ अनिल राय की हुई थी। इसके बाद 2016 में बीजेपी सरकार ने कालेज के प्रोफेसर वीके गोयल को डेपुटेशन पर सचिव बनाया। गोयल इस कुर्सी पर ऐसे जमे के मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह बदल गए, भूपेश बघेल की भी कुर्सी चली गई। मगर गोयल की कुर्सी को कोई हिला नहीं पाया। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की नई सरकार बनी तो इस पोस्ट को फिर से आईएएस को देते हुए प्रोफेसर को हटा दिया गया। जीएडी के आदेश के अनुसार 2012 बैच की आईएएस पुष्पा साहू माशिमं की नई सचिव बनाई गई। मगर पखवाड़ा भर से अधिक हो जाने के बाद भी उन्हें चार्ज नहीं मिला है। वहां ऐसी झांकी बनाकर रखी गई है कि गोयल नहीं रहेंगे तो परीक्षा नहीं हो पाएगी। अलबत्ता, यूपीएससी और पीएससी में अफसरों के रिटायर हो जाने पर कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर आईएएस को तो सभी विभागों में काम करने का तजुर्बा होता है। पुष्पा साहू खुद अब सीनियर हो गई हैं। ऐसे में, सवाल उठता है सिस्टम एक प्रोफेसर पर कैसे निर्भर हो गया है।

रिटायरमेंट की आयु क्रॉस

खटराल अधिकारियों को सिस्टम किस तरह संरक्षण देता है, प्रोफेसर गोयल इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। वे रिटायरमेंट की एज क्रॉस करने के बाद भी इस पद पर कायम हैं। दरअसल, राज्य सरकार में रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। किसी दूसरी सर्विस से भी अगर कोई प्रतिनियुक्ति पर आया है तो उस पर 62 रिटायरमेंट एज ही लागू होगा। कालेजों के प्रोफेसरों की रिटायरमेंट आयु 65 है। इस नियम के अनुसार गोयल को पिछले साल रिटायर हो जाना चाहिए था। मगर माशिमं के तत्कालीन चेयरमैन आलोक शुक्ला ने एक नोटशीट चलाई, जिसमें लिखा था कि कालेजों की तरह गोयल को माशिमं में लाभ देते हुए उन्हें 62 साल में रिटायर न किया जाए। नोटशीट तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के पास गई। पटेल ने विधिक अधिकारियों से मशविरा किया। विधिक अफसरों ने उन्हें सुझाव दिया कि रिटायरमेंट नियम को नहीं बदला जा सकता। कुल मिलाकर रिटायमेंट एज मे छूट देने का मामला जम नही पाया। इसके बाद भी वे कुर्सी पर जमे रहे।

उत्तरपुस्तिका छपाई में बड़ा खेला

प्रोफेसर गोयल ने सचिव बनने के बाद बोर्ड परीक्षाओं की 42 पेज तक उत्तरपुस्तिकाएं छपवाई गईं। कायदे से बोर्ड के बेहद पढ़ाकू विद्यार्थी भी 15-20 पेज से अधिक नहीं लिख पाता है। मगर ओवर बिलिंग के लिए उत्तरपुस्तिकाओं का खेला किया गया। इस पर काफी बवाल और शिकायत हुई तो इसे अब कम किया गया है। माशिमं सचिव ओपन स्कूल का भी हेड होता है। ओपन स्कूल में किताबों का बड़ा खेला हुआ। किताबें छप तो जाती है, उन्हें स्कूलों में भिजवा दिया जाता है, मगर यह कोई देखने वाला नहीं होता कि छात्रों को वितरण हुआ कि नहीं। इन अव्यवस्थाओं का नतीजा है कि ओपन स्कूल की परीक्षाओं में पहले दो से ढाई लाख तक विद्यार्थी बैठते थे, इस बार एक लाख आवेदन आए हैं। याने छात्रों की संख्या आधे से भी कम हो गई है।

एनपीजी से आईएएस बोलीं...

एनपीजी न्यूज ने इस संबंध में सचिव पुष्पा साहू से प्वाइंटेड सवाल किया कि 15 दिन होने के बाद आपको चार्ज क्यों नहीं मिला और क्या वीके गोयल ट्रांसफर के बाद भी वहां कार्यरत हैं? उन्होंने बताया, अब से थोड़ी देर पहले मुझे प्रशासनिक काम दिया गया है...गोयल अभी बने हुए हैं। पुष्पा से फिर सवाल किया गया कि जब पद एक है तो दो सचिव कैसे हो सकते हैं, तब तक उनका फोन डिसकनेक्ट हो गया।  




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