IAS की गिरफ्तारी: इस IAS पर हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, गिरफ्तार करने के भी आदेश...

IAS Ki Giraftari : हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जमकर फटकार लगाते हुए 5 लाख रुपये जुर्माना ठोंक दिया। साथ ही आईएएस को गिरफ्तार कर उपभोक्ता फोरम में पेश करने के निर्देश दिए है।

Update: 2023-05-31 09:18 GMT

IAS Ki Giraftari : इलाहाबाद। राज्य उपभोक्ता फोरम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करना आईएएस को भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जमकर फटकार लगाते हुए 5 लाख रुपये जुर्माना ठोंक दिया। साथ ही आईएएस को गिरफ्तार कर उपभोक्ता फोरम में पेश करने के निर्देश दिए है। मामला कानपुर विकास प्राधिकरण से जुड़ा हुआ है। जिसके उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत आईएएस अरविंद सिंह (2015 बैच) के ऊपर यह कार्यवाही की गई है।

जिस मामले में आईएएस की गिरफ्तारी के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं। वह 39 साल पुराना मामला है। 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्ग मीटर का एक प्लाट जूही कला में जवाहर विद्या समिति को आवंटित किया गया था। पर समिति को निर्धारित शुल्क पटाने के बाद भी कब्जा नहीं दिया गया था। जिस पर जिला उपभोक्ता फोरम में 19 साल तक के इस मामले पर पेशी चली फिर 19 साल बाद कानपुर विकास प्राधिकरण को कब्जा दिलाने हेतु आदेश जारी किया गया था। इसके बाद भी कब्जा न मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने 15 जुलाई 2022 को रिमाइंडर जारी करते हुए 25 दिन में कब्जे का आदेश कानपुर विकास प्राधिकरण को दिया था। पर आदेश का पालन के बजाय कानपुर विकास प्राधिकरण राज्य उपभोक्ता आयोग उसके बाद फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में अपील कर दी थी लेकिन अपील खारिज हो गई।

राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम से अपील खारिज होने के बाद कानपुर विकास प्राधिकरण ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को खारिज कर दिया। इसके बाद तत्कालीन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आरके सिंह ने 11 जनवरी 2021 को समिति को एक पत्र भेज कर तत्काल रजिस्ट्री करने को कहा। प्राधिकरण ने समिति के प्रबंधक सुधीर प्रकाश शुक्ला के नाम रजिस्ट्री भी कर दी व एक माह में कब्जा देने का पत्र जारी कर दिया। इसी बीच केडीए के उपाध्यक्ष आरके सिंह का ट्रांसफर हो गया। आरके सिंह के जगह अरविंद सिंह ने कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का प्रभार ग्रहण किया। वे 2015 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अफसर हैं। नए उपाध्यक्ष के आने के बाद कब्जा देने का प्रोसेस अटक गया और कानपुर विकास प्राधिकरण ने कब्जा नहीं दिया। जिस पर राज्य उपभोक्ता फोरम ने कब्जा दिलाने हेतु बार-बार अरविंद सिंह को नोटिस जारी किया और पेश होने को कहा पर आईएएस अरविंद सिंह एक बार पेश नहीं हुए।

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आदेश की तामिली न होने से राज्य उपभोक्ता फोरम ने आईएएस अरविंद सिंह की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। जिस पर कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह हाईकोर्ट चले गए थे। उन्होंने राज्य उपभोक्ता फोरम द्वारा लगाए गए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। पर हाईकोर्ट उपभोक्ता फोरम के आदेश को सही मानते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जम कर फटकार लगाते हुए पांच लाख रुपये जुर्माना अधिरोपित कर दिया। और आईएएस अरविंद सिंह की गिरफ्तारी करवा के उपभोक्ता फोरम में पेश करवाने के निर्देश पुलिस कमिश्नर को दिए हैं।

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