DGP Posting 2024: डीजीपी के लिए इन 2 नामों का पेनल भेजा जा रहा UPSC को! पवनदेव का प्रमोशन आदेश अटका, जानिये क्या हैं DGP नियुक्ति के प्रॉसिजर

DGP Posting 2024: छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी अपाइंट करने के लिए यूपीएससी को पेनल भेजा जा रहा है। पवनदेव को डीजी बनाने का आदेश अभी नहीं निकला है। आजकल में यदि उनका आदेश नहीं जारी हुआ तो फिर दो ही नाम भेजे जाएंगे।

Update: 2024-08-01 08:31 GMT

DGP Posting 2024 रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 4 अगस्त को कंप्लीट हो जाएगा। याने उस दिन शाम तक सरकार को नए डीजीपी के नाम का ऐलान करना होगा। इस समय प्रदेश में दो ही डीजी हैं। अरुण गौतम और हिमांशु गुप्ता। हालांकि, जुनेजा के बाद सीनियरिटी में सबसे उपर हैं पवनदेव। 92 बैच में पहले नंबर पर पवनदेव आते हैं, उनके बाद अरुणदेव गौतम। 93 बैच में कोई आईपीएस नहीं है। इसके बाद 94 बैच में हिमांशु गुप्ता सबसे उपर हैं। डीपीसी मेंं पवनदेव का लिफाफा बंद कर दिया गया था। इस शर्त के साथ कि उनके खिलाफ जांच कंप्लीट हो जाए, तो प्रमोशन का लिफाफा खोल दिया जाए। सरकार ने चूकि जांच समाप्त कर दिया, इसलिए गृह विभाग ने उनका लिफाफा खोल दिया। इसके बाद आदेश जारी होने के लिए फाइल उपर गई, सो वहां से लौटी नहीं। अगर आजकल में पवनदेव का आदेश नहीं निकलेगा तो फिर दो ही नाम के पेनल यूपीएससी को भेजे जाएंगे। अरुण गौतम और हिमांशु गुप्ता का।

दरअसल, एमएचए ने नियमों में बदलाव किया है। अब डीजी रैंक के अफसरों के नाम ही डीजीपी के लिए पेनल में भेजे जाएंगे। हालांकि, पहले 30 साल की सर्विस होना अनिवार्य था। उसके बाद छोटे राज्यों में कैडर की कमी को देखते इसे 25 साल किया गया। मगर अब डीजी होना अनिवार्य कर दिया गया है। सो, इस समय डीजी दो ही हैं। अगर 25 साल की सर्विस वाला नियम होता तो प्रदीप गुप्ता से लेकर दीपांशु काबरा तक का नाम इसमें जुड़ जाता। याने छह नामों को पेनल जाता। सरकार की पहले इसी तरह की तैयारी थी। मगर अब अगर पवनदेव के नाम को हरी झंडी नहीं मिली तो दो ही नामों को पेनल दिल्ली भेजा जाएगा।

प्रभारी डीजीपी

चूकि अभी पैनल भेजा जाना है। इसमें भी दो-एक दिन का वक्त लगेगा। मगर अब समय है नहीं। तीन दिन बाद चार अगस्त को डीजीपी अशोक जुनेजा रिटायर हो जाएंगे। सो, विष्णुदेव साय सरकार को प्रभारी डीजीपी अपाइंट करना होगा। यूपीएससी को पेनल भेजने का नियम आने के बाद लगभग सभी राज्यों में ऐसा ही हो रहा। चूकि पेनल क्लियर होने में टाईम लगता है सो तब तक के लिए प्रभारी डीजीपी अपाइंट कर दिया जाता है। जब यूपीएससी से क्लियर होकर एमएचए से आदेश नहीं आ जाता, तब तक पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं होती। अशोक जुनेजा के साथ भी ऐसा ही हुआ था। वे सितंबर 2021 में प्रभारी डीजीपी बन गए थे। मगर उनका पूर्णकालिक डीजीपी का आदेश निकला 5 अगस्त 2022 को।

बहरहाल, डीजीपी के लिए दो ही दावेदार मैदान में हैं। सो अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता में से किसी को सरकार डीजीपी अपाइंट करेगी। और यह भी सही है कि जो प्रभारी डीजीपी बनेगा, सरकार उसे ही कंटीन्यू करेगी। क्योंकि, सरकार उसी हिसाब से प्रभारी डीजीपी बनाती है, जिसे आगे कंटीन्यू करना होता है। क्योंकि, यूपीएससी से दोनों नामों का पेनल एप्रूव्ह होकर आ जाएगा, इसमें कोई संशय नहीं। वैसे तीन नामों का पेनल फायनल कर यूपीएससी भेजता है। मगर इस समय दो ही नाम है। यूपीएससी द्वारा फायनल किए गए पेनल में से किसी एक नाम पर सरकार मुहर लगाती है। इसलिए, किसी को प्रभारी डीजीपी बनाकर, उसे हटाना उचित प्रतीत नहीं होता। सो, जिसे कंटीन्यू करना होता है, उसे ही प्रभारी डीजीपी बनाया जाता है।

DGP Salection 2024: जानिये कैसे होता है डीजीपी का सलेक्शन

DGP Salection 2024: राज्‍यों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) चयन की एक निधार्रित प्रक्रिया है। इसमें राज्‍य के साथ ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी भूमिका रहती है।राज्य सरकार यूपीएससी को डीजीपी नियुक्ति के लिए नामों का पेनल भेजती है। इसके बाद फिर यूपीएससी में मीटिंग होती है। इसमें यूपीएससी चेयरमैन खासतौर से मौजूद रहते हैं। किसी विषम परिस्थितियों की वजह से वे नहीं आ पाए तो उनके बदले में कोई मेम्बर होता है। इसके अलावा भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम का कोई नामिनी, मसलन ज्वाइंट सिकरेट्री लेवल का कोई अफसर होता है। और संबंधित राज्य के चीफ सिकरेट्री और वर्तमान डीजीपी। ये चारों मिलकर गुण-दोष के आधार पर पेनल तैयार करते हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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