CG Transfer: NPG की खबर के खंडन में नगरीय प्रशासन विभाग ने सफाई में कर डाली चूक, क्लॉस 3 के मुलाजिमों को CMO बनाने पर साध ली चुप्पी...

CG Transfer: पिछली सरकार के बड़े लोगांं के करीबी अधिकारी लगता है नगरीय प्रशासन विभाग की छबि खराब करने पर तूल गए हैं। और उल्टे विभाग की छबि खराब करने का दोष एनपीजी न्यूज पर मढ़ रहे हैं। एनपीजी की जिस खबर पर नगरीय प्रशासन विभाग ने खंडन जारी किया, उसे आप गौर से पढ़ेंगे तो चोर की दाढ़ी में तिनका समझ में आ जाएगा। फिर, महत्वपूर्ण यह भी है कि विभाग के प्रेस नोट में स्वायत्तसेवी संस्थाओं में ट्रांसफर पॉलिसी लागू नहीं है कहकर बचाव किया गया है मगर तृतीय श्रेणी के दागी कर्मचारियों को प्रभारी सीएमओ बनाने पर मौन साध लिया गया। इसका मतलब यह है कि विभाग ने पूरी खबर का खंडन नहीं किया है। याने आधी खबर का खंडन और आधे पर चुप्पी।

Update: 2025-07-11 10:02 GMT

CG Transfer: रायपुर। एनपीजी न्यूज ने कल दोपहर बैकडेट से इस शीर्षक से खबर प्रकाशित की...ट्रांसफर पर सवाल? बैकडेट से तबादला करने नगरीय प्रशासन विभाग ने ई-ऑफिस से आदेश नहीं निकाला, बड़ी संख्या में बाबुओं को बना दिया अफसर। इस खबर के वायरल होने के पांच घंटे बाद रात साढ़े नौ बजे नगरीय प्रशासन विभाग के पीआरओ ने इस खबर के खंडन के लिए प्रेस नोट जारी किया।

प्रेस नोट में कहा गया कि ट्रांसफर पॉलिसी-2025 में स्वायत्तशासी संस्थाओं को ट्रांसफर के बैन से छूट दी गई, इसलिए कभी भी ट्रांसफर किया जा सकता है। एनपीजी न्यूज छत्तीसगढ़ का जिम्मेदार न्यूज वेबसाइट है, अगर तथ्यात्मक त्रुटि हुई तो विनम्रता के साथ खेद व्यक्त करने में कोई दिक्कत नहीं। मगर आप नगरीय प्रशासन विभाग के प्रेस नोट को गौर से पढ़ लेंगे तो समझ जाएंगे कि हुआ क्या, और बताया क्या जा रहा।

चोर की दाढ़ी में तिनका

एनपीजी न्यूज इस बात को स्वीकार कर रहा है कि ट्रांसफर 2 जुलाई को नहीं, 30 जून को हुआ। डेट के फैक्ट चूक पर एनपीजी खेद व्यक्त करता है। बहरहाल, सूत्रों से पता चला है, ट्रांसफर पर से बैन समाप्त होने के आखिरी दिन 30 जून को रात 10 बजे मंत्रालय से अधिकारी को एक जगह बुलाकर सरकारी प्रक्रिया पूरी कराई गई। अब आएं चोर की दाढ़ी में तिनका पर। नगरीय प्रशासन विभाग ने खंडन लेटर के दूसरे पैराग्राफ में बड़ी मासूमियत से लिखा है कि कर्मचारियों और अधिकारियों का स्थानांतरण शासन के आदेश क्रमांक एफ 41202518 दिनांक 30.06.2025 को जारी किया गया है। उक्त जारी आदेश को विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में 30.06.2024 को ही शेयर किया गया है, जिसका स्क्रीन शॉट मौजूद है।

उठते दो सवाल

नगरीय प्रशासन विभाग के प्रेस नोट से पहला सवाल यह उठता है कि अगर नगरीय प्रशासन के अंतगर्त आने वाली निकाय ट्रांसफर पॉलिसी के भीतर नहीं आती तो जाहिर है, उन पर 30 जून का बंधन भी लागू नहीं होता। फिर 30 जून को आनन-फानन में आदेश क्यों निकाला गया। फिर दूसरा सवाल...प्रेस नोट में यह सफाई क्यों दी गई है कि हमने 30 जून को ही आदेश को विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में जारी कर दिया था...इसका स्क्रीन शॉट भी है। प्रश्न यह कि जब ट्रांसफर पॉलिसी में नगरीय निकाय आते ही नहीं तो फिर ये सफाई क्यों? चोर की दाढ़ी में तिनका तो नहीं।

50 परसेंट का खंडन, 50 परसेंट पर चुप्पी

प्रेस नोट में एनपीजी की आधी बातों का खंडन किया गया है। मगर हेडिंग में यह भी लिखा था कि क्लास थ्री के बाबुओं को फिर तीन रैंक उपर करके प्रभारी सीएमओ बना दिया। इस पर प्रेस नोट में क्लियर नहीं किया गया है। खबर में इस बात का भी जिक्र था कि जिन बाबुओं के खिलाफ नगरीय संस्थाओं में रहते हुए गंभीर आर्थिक अनियमितता की जांच चल रही, उन्हें प्रभारी नगरपालिका अधिकारी बना दिया गया...इस पर भी प्रेस नोट में कुछ नहीं कहा गया। पद्मीश्री पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध मूर्तिकार नेल्सन ने नगरीय निकायों में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहार बाजपेयी की प्रतिमा में कमीशनबाजी की शिकायत की थी, उस पर भी प्रेस नोट खामोश है।



 


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