आबकारी आरक्षकों का ट्रांसफर मामला: हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव, अवर सचिव और आबकारी विभाग को जारी किया नोटिस

Update: 2022-06-28 16:45 GMT

बिलासपुर। तृतीय श्रेणी के कर्मियों को दस प्रतिशत तबादला करने की नीति के खिलाफ 88 प्रतिशत कर्मचारियों के तबादले करने पर हाईकोर्ट ने आबकारी के प्रमुख सचिव,अवर सचिव आबकारी कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। साथ ही अन्तरिम राहत के मामले में कहा कि जिन आरक्षकों का स्थानान्तरण हुआ है, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत नहीं की है। उन आरक्षकों द्वारा यदि व्यक्तिगत् रूप से याचिका पेश की जाती है, तो उन्हें अन्तरिम राहत देने पर विचार किया जाएगा।

वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग ने 23 से बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर सम्भागों में आबकारी आरक्षकों का स्थानान्तरण आदेश 24 जून को जारी किया गया, जिसमें बिलासपुर से 71, जिसमें 22 आरक्षकों का बिलासपुर जिले से बाहर 3 आरक्षकों का बिलासपुर जिले के उड़नदस्ता से अन्य जिले में, 6 मुंगेली जिले से बाहर, जाँजगीर-चाम्पा जिले के 17 आबकारी आरक्षकों को जाँजगीर जिले से बाहर, कोरबा के 9 आरक्षकों को कोरबा जिले से बाहर, रायगढ़ के 14 आरक्षकों को रायगढ़ जिले से बाहर स्थानान्तरित किए गए। दुर्ग सम्भाग से 31 आबकारी आरक्षक, जिसमें दुर्ग के 11 आरक्षकों को दुर्ग जिले से बाहर, राजनांदगाँव के 10 आरक्षकों को राजनांदगाँव जिले से बाहर, बेमेतरा के 03 आरक्षकों को बेमेतरा जिले से बाहर, कबीरधाम के 2 आरक्षकों को कबीरधाम जिले से बाहर बालोद के 5 आरक्षकों को बालोद जिले से बाहर, बेमेतरा के

3 आरक्षकों को बेमेतरा जिले से बाहर, स्थानान्तरित किए गए। बस्तर सम्भाग से 41 आबकारी आरक्षक जिसमें उड़नदस्ता बस्तर के 4 आरक्षकों को बस्तर जिले से बाहर काँकेर के 14 आरक्षकों को काँकेर जिले से बाहर, नारायणपुर के 4 आरक्षकों को नारायणपुर जिले से बाहर बीजापुर के 3 आरक्षकों को बीजापुर जिले से बाहर, दन्तेवाड़ा के 02 आरक्षकों को दन्तेवाड़ा जिले से बाहर, सुकमा के 3 आरक्षकों को सुकमा जिले से बाहर, कोण्डागाँव के 4 आरक्षकों को कोण्डागाँव जिले से बाहर, स्थानान्तरित किए गए।

इसी प्रकार सरगुजा सम्भाग से 48 आबकारी आरक्षक जिसमें सरगुजा जिले के 17 आरक्षकों को जिले से बाहर, सूरजपुर के 08 आरक्षकों को जिले से बाहर, बैकुण्ठपुर- कोरिया के 10 आरक्षकों को जिले से बाहर, बलरामपुर-रामानुजगंज के 07 आरक्षकों को जिले से बाहर, जशपुर के 06 आरक्षकों को जिले से बाहर स्थानान्तरित किए गए, जिसमें कि 191 आरक्षकों का स्थानान्तरण किया गया है। जबकि उपरोक्त सभी ट्रान्सफर ऑर्डर को राजेन्द्र दवे, जो कि छत्तीसगढ़ काँग्रेस के कार्यकारिणी प्रान्ताध्यक्ष हैं, जो माननीय हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर करते हुए, जिसमें कि छत्तीसगढ़ काँग्रेस के प्रान्ताध्यक्ष बी.पी. शर्मा ने उपरोक्त स्थानान्तरण आदेशों को रोक लगाने हेतु राजेन्द्र दवे जी को अधिकृत किया था। दवे ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, सन्दीप सिंह और नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। याचिका में उल्लेख किया गया कि वर्तमान में प्रचलित राज्य शासन द्वारा 27 जून 2019 को जारी स्थानान्तरण नीति के पदखण्ड 2.13 में यह उल्लेखित है कि तृतीयश्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 10 प्रतिशत तथा आपसी सहमति से स्वयं के व्यय पर करवाए गए स्थानान्तरणों की गणना उक्त सीमा हेतु नहीं की जावेगी।

यह, कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन के आबकारी विभाग में आरक्षकों के सेट-अप में 352 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से वर्तमान में 284 कार्यरत् हैं तथा पिछले वर्ष से ही 26 आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत किया जा चुका है। अतः वर्तमान सेवारत् आरक्षकों की संख्या 258 है। यह कि वर्तमान स्थानान्तरण आदेश में 191 आबकारी आरक्षकों के हुए हैं, जिसमें से रायपुर सम्भाग के आबकारी आरक्षकों की संख्या शामिल नहीं है। इनका प्रतिशत 74 प्रतिशत हो रहा है, जो कि 10 प्रतिशत की लिमिट से काफी ज्यादा है। साथ ही याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग द्वारा 27 मई 2020 को जारी वित्त-निर्देश, के पदखण्ड 2.4 में स्थानान्तरण के बारे में उल्लेख किया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के अनुसार स्थानान्तरण पर प्रतिबन्ध है। स्थानान्तरण केवल समन्वय में अनुमोदन उपरान्त किया जावेगा। स्थानान्तरण पर अतिरिक्त व्यय भार के दृष्टिगत् विभागों से अपेक्षा की जाती है कि समन्वय में भी न्यूनतम स्थानान्तरण किया जाए एवं अति आवश्यक होने पर स्वयं के व्यय पर स्थानान्तरण को प्राथमिकता दिया जावे।

मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस आरसीएस सामन्त की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने यह जानकारी दी कि रायपुर सम्भाग के 36 आबकारी आरक्षकों का स्थानान्तरण किया गया है, जिसमें कि पूरे प्रदेश के कुल 227 आरक्षकों का ट्रांसफर किया गया है, जो कि कुल संख्या का 88 प्रतिशत है। सुनवाई उपरान्त माननीय हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव अवर सचिव औश्र कमिश्नर (आबकारी) विभाग को नोटिस जारी किया है।

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