IAS KK Pathak News: राजभवन पर भड़के IAS केके पाठक, पढ़ाया कानून का पाठ, शिक्षा विभाग के काम में हस्तक्षेप न करने की दी सलाह

IAS KK Pathak News: अपर मुख्य सचिव केके पाठक (ACS KK Pathak) एक बार फिर चर्चे में हैं. राज्यपाल से नाराज आईएएस केके पाठक ने राजभवन सचिवालय को पत्र लिखा है.

Update: 2024-04-13 10:18 GMT

IAS KK Pathak News: हमेशा विवादों में रहने वाले बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (ACS KK Pathak) एक बार फिर चर्चे में हैं. राज्यपाल से नाराज आईएएस केके पाठक ने राजभवन सचिवालय को पत्र लिखा है. और शिक्षा विभाग के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह दी है. इतना ही नहीं केके पाठक ने राजभवन को कानून का पाठ भी पढ़ाया. 

केके पाठक ने राजभवन सचिवालय को लिखा पत्र 

दरअसल, शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिव समेत अन्य अधिकारियों की कई बार बैठक बुलाई. जिसे लेकर शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया. लेकिन राजभवन ने दूसरा आदेश जारी कर कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में आने से रोका. जिसके चलते कुलपति बैठक में शामिल नहीं हुए. इससे नाराज शिक्षा विभाग ने कुलपतियों बैंक अकाउंट भी बंद कर दिए थे. लेकिन राजभवन ने इसमें भी हस्तक्षेप किया. 

शिक्षा विभाग के कार्य में न करें हस्तक्षेप

इससे नाराज शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शुक्रवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू (Robert L Chongthu) को पत्र लिखा है. केके पाठक ने प्रधान सचिव से कहा है. राजभवन शिक्षा विभाग के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करे. कुलाधिपति द्वारा शिक्षा विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने पर बहुत आपत्ति है. महामहिम की उच्च संवैधानिक स्थिति को देखते हुए यह अधिक उपयुक्त होता मामलों को माननीय मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से बातचीत करते. 

राज्यपाल सचिवालय को पढ़ाया कानून का पाठ 

केके पाठक ने राज्यपाल सचिवालय को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कहा है 29 फरवरी 2024 को राजभवन ने पत्र जारी कर कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया. किस नियम के तहत कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बुलाई बैठक में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. यह स्पष्ट किया जाए कि किस नियम के तहत कुलपति को किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए राजभवन की अनुमति लेनी होती है. कानून के किन प्रावधानों के तहत राजपाल को कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का अधिकार रखते हैं.

केके पाठक ने राज्य विधायिका द्वितीय अधिनियम धारा 7 के बारे में बताते हुए कहा राज्यपाल को विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक/प्रशासनिक हित में कोई भी निर्देश जारी करने का अधिकार देती है. यह ध्यान दिया जा सकता है कि यह चांसलर को विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के बीच विद्रोही व्यवहार को भड़काने और पूर्ण अराजकता पैदा करने की अनुमति नहीं देता है.


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