Digital Bhikhari Raju: नहीं रहा इंडिया का पहला डिजिटल भिखारी राजू, हार्ट अटैक से मौत, गले में स्कैनर तो हाथ में टैब लेकर घूमता था, लालू यादव भी थे फैन

Digital Bhikhari Raju: बिहार के पहले डिजिटल भिखारी राजू की हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. स्टेशन पर भीख मांगने के दौरान तबियत बिगड़ी जिसके बाद उसकी मौत हो गयी.

Update: 2024-05-10 06:36 GMT

Digital Bhikhari Raju: बिहार के पहले डिजिटल और टैब लेकर चलने वाला डिजिटल भिखारी के नाम से मशहूर राजू अब नहीं रहा. डिजिटल भिखारी राजू की हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. स्टेशन पर भीख मांगने के दौरान तबियत बिगड़ी जिसके बाद उसकी मौत हो गयी.

नहीं रहा डिजिटल भिखारी राजू 

डिजिटल भिखारी राजू की तबीयत कुछ दिनों से तबियत सही नहीं थी. बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने के दौरान अचानक उसकी तबियत बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उसे बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहाँ उसका इलाज चल रहा था. गुरुवार की देर रात डिजिटल भिखारी राजू की मौत हो गयी. डॉक्टर ने बताया हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हुई है. डिजिटल भिखारी राजू की मौत से उनके परिजनों और चाहने वालों में शोक का माहौल है. 

डिजिटल भिखारी राजू के निधन पर सन ऑफ बिहार के नाम से मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शोक जताया है. उन्होंने एक्स हेंडल पर डिजिटल भिखारी राजू के साथ तस्वीर शेयर की और लिखा "हम सभी का प्यारा बेतिया रेलवे स्टेशन पर रहने वाला डिजिटल भिखारी राजू अब इस दुनिया में नहीं रहा". बात दें मनीष कश्यप ने डिजिटल भिखारी राजू को अपना स्टार प्रचारक बनाया था. कुछ दिन पहले उसके साथ प्रचार किया और साथ में खाना खाया था. 

कौन है डिजिटल भिखारी राजू

42 वर्षीय डिजिटल भिखारी राजू बेतिया के बसवरिया का रहने वाला था. वह लगभग पिछले 30 सालों से भीख मांग रहा था. राजू भीख कुछ अलग तकनीक से मांगता था. जिसे देख लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते थे. राजू गले में फोन-पे और अन्य तरीके से ऑनलाइन पेमेंट का क्यू - आर कोड लटका कर घूमता था. साथ में उसके पास टैब होता था. अगर कोई कहता चिल्लर नहीं है तो वो ऑनलाइन पेमेंट करने को कहता था. राजू के भीख मांगने के तरीके से वो हर जगह छा गया और तबसे लोग उसे डिजिटल भिखारी राजू कहने लगे.

प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया से था प्रभावित

दरअसल, राजू के मंदबुद्धि के कारण उसे कोई नौकरी नई मिलती थी. जिसके बाद राजू को पेट पालने भीख मांगने लगा. और इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया से वो काफी प्रभावित हुआ. फिर वहां से राजू ने डिजिटल तरीका अपनाया था. राजू ने जरूरी डाक्यूमेंट्स बनवाये, क्यूआर कोड वाले स्कैनरों से डिजिटल ट्रांजेक्शन की सीखी. फिर डिजिटल भिखारी बन गया. 

लालू यादव भी थे फैन

बात दे बेतिया रेलवे स्टेशन पर रहने वाले भिखारी राजू के खुद बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी फेन थे. जब लालू यादव रेलमंत्री थे उस दौरान सब राजू को लाल यादव का बेटा कहते थे. एक बार राजू ने लाल यादव को पापाजी कहा और अपने खर्चे की बात भी कही थी. जिसके बाद लालू यादव ने उसका पूरे बिहार में रेलवे यात्रा और खाने पीने की व्यवस्था मुफ्त कराइ थी.

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