Supreme Court News: बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जानिए कब होगी सुनवाई?

Supreme Court News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर बवाल मच गया है. मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाने की मांग की जा रही है. इसी बीच इससे जुडी बड़ी अपडेट सामने आ रही है. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

Update: 2025-07-07 09:15 GMT

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Supreme Court News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर बवाल मच गया है. मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाने की मांग की जा रही है. इसी बीच इससे जुडी बड़ी अपडेट सामने आ रही है. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 

इन्होने दायर की याचिका

दरअसल, कई राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों ने आरोप लगाए कि राज्य में मतदाता सूची के सत्यापन के नाम पर मतदाताओं, खासकर महिलाओं और गरीब लोगों के वोट का हक छिना जा रहा है. कई लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं. इसी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, महुआ मोइत्रा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने अलग-अलग याचिकाये दायर की हैं.

संशोधन प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग 

याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ताओं का दावा है विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जा रहे हैं. मतदाताओं, खासकर महिलाओं और गरीब लोगों के मतदान के हक़ हनन हो रहा है. मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की वजह से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे. 

याचिकाकर्ताओं का कहना है चुनाव आयोग जा यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 के साथ-साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 21ए का उल्लंघन है. इस आदेश को संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 325 और 326 का उल्लंघन मानते हुए रद्द किया जाना चाहिए. 

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, तत्काल संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए. साथ ही इसपर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए. क्योंकि क्योंकि चुनाव आयोग ने सिर्फ एक महीने की समय सीमा दी है.

10 जुलाई को होगी सुनवाई

कोर्ट ने चुनाव के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है. इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 10 जुलाई को होगी. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी याचिकाओं की कॉपी चुनाव आयोग को सौंपने के निर्देश दिये हैं. 

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