Bilaspur High Court: एनआरडीए को हाई कोर्ट से लगा झटका: प्रभावित किसानों से करना होगा फिर से समझौता..

Bilaspur High Court छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले से नवा रायपुर योजना में NRDA को करारा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने कहा है कि एनआरडीए को किसानों से नए सिरे से समझौता करना होगा। साथ ही भूअर्जन के लिए अवार्ड भी उसी अनुसार पारित करना होगा। नवा रायपुर में 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 96 याचिका दायर की गई है।

Update: 2024-09-27 13:01 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नवा रायपुर प्रोजेक्ट के 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया है। डिवीजन बेंच ने कहा है कि एनआरडीए को किसानों से फिर से समझौता करना होगा। नए कानून के तहत 75 प्रतिशत विस्थापित हो रहे भूमि स्वामी किसानों की सहमति आवश्यक है। कोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार और एनआरडीए को भूमि स्वामी किसानों के साथ बातचीत करनी होगी।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब नया रायपुर योजना भी खटाई में पड़ते दिखाई दे रही है। कोर्ट के आदेश के बाद नए सिरे से प्रक्रिया प्रारंभ होने से जमीन अधिग्रहण में विलंब होने की संभावना भी जताई जा रही है। विलंब होने के साथ ही निर्माण लागत और योजना मद में भी बढ़ाेतरी की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। किसानों की सहमति के बिना सरकार योजना आगे नहीं बढ़ सकती।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा

  •  पुराने भू अर्जन अधिनियम के तहत शुरू की गई प्रक्रियाओं पर भी नए कानून का प्रभाव पड़ेगा।
  •  धारा 6 का प्रकाशन एक जनवरी 2014 से पहले किया गया था। लिहाजा भूविस्थापितों को भूअर्जन अवार्ड एक वर्ष के भीतर करना था।
  •  समय सीमा के बाद किया गया भू अर्जन अवार्ड शून्य माना जाएगा।
  •  एनआरडीए को किसानों से फिर से समझौता करना होगा। नए कानून के तहत 75 फीसदी किसानों की सहमति जरूरी है।


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