Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा- न्याय में ना हो विलंब इसलिए सुनवाई में लाएं तेजी

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Update: 2024-08-03 15:05 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को छह महीने के भीतर फैसला सुनाने कहा था। स्पेशल कोर्ट ने हाई कोर्ट से एक बार फिर समय मांग लिया है। अब हाई कोर्ट ने तीन महीने का समय सीमा निर्धारित कर दिया है।

अंबिकापुर निवासी विजय नामदेव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एनडीपीएस एक्ट के तहत विशेष अदालत में हो रही मामले की सुनवाई में तेजी लाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के ऊपर मादक पदार्थों से संबंधित अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्पेशल कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता जेल में बंद है और जेल के भीतर से अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की है। इसके पहले याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर जमानत की गुहार लगाई थी। जिसे कोर्ट ने 29 सितंबर, 2023 को एक आदेश जारी कर खारिज कर दिया था।

याचिका पर फैसला के साथ कोर्ट ने ये दिया था निर्देश

जमानत आवेदन पर फैसला सुनाने के साथ ही हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को छह महीने के भीतर प्रकरण की सुनवाई पूरी करने और फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी तरह की कोई कानूनी अड़चन ना आए। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने यह भी कहा कि एनडीपीएस अधिनियम, मामलों के अभियोजन के लिए सख्त समयसीमा निर्धारित करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्याय में अनावश्यक रूप से विलंब ना हो। फैसले में जितना विलंब होगा अभयुक्त को लंबे समय तक परीक्षण पूर्व हिरासत में रहना पड़ता है।

स्पेशल कोर्ट ने विलंब का बताया यह कारण

एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरणों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस अधिनियम) ने 20 मार्च, 2024 को आरोप तय किया है। एक अप्रैल 2024 को पीठासीन अधिकारी का उन्होंने कार्यभार संभाला है। स्पेशल कोर्ट ने चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई और फैसला के लिए समय सीमा की मांग की। स्पेशल कोर्ट के अनुरोध को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रकरण की सुनवाई और फैसला के लिए तीन महीने का समय तय कर दिया है।

स्पेशल कोर्ट को भेजें आदेश की कापी

मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने संबंधित विशेष कोर्ट को आदेश की प्रति प्राप्त होने के तीन महीने की अतिरिक्त अवधि के भीतर सुनवाई पूरी करने और फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को आदेश की प्रमाणित प्रति स्पेशल कोर्ट को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। सीजे ने यह भी कहा कि आदेश का गंभीरता के साथ परिपालन किया जाए,ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुनवाई बिना किसी अनावश्यक विलंब के बढ़े।

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