Bilaspur High Court: अनुकंपा नियुक्ति अधिकार नहीं: हाई कोर्ट ने रद्द कर दी एक साथ 3 याचिकाएं...पढ़िए वजह

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा परिवार की मुखिया की मौत के बाद आर्थिक संकट से बचने अनुकम्पा नियुक्ति जरूरी है. पर अधिकार के तौर पर नहीं कर सकते दावा.

Update: 2024-08-25 03:54 GMT

बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति के सम्बंध में दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं को रद्द करते हुए महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि

परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार के सामने आने वाला आर्थिक संकट या गरीबी अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए तय बुनियादी मापदंड हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकार के तौर पर दावा नहीं किया जा सकता। कानून क़े जानकारों का कहना है, कोर्ट का यह फैसला आने वाकई दिनों में नजीर बनेगा।

भाई शिक्षाकर्मी है, पर, परिवार का नहीं करते देखभाल

रतनपुर निवासी रामाधार तिवारी की पत्नी ने पति की मौत के बाद छोटे बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने की मां करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका के अनुसार पति पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक थे। 20 अगस्त 2007 को सेवा के दौरान उनकी मौत हो गई। उन‌की पत्नी ने अपने छोटे बेटे दीनानाथ तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अक्टूबर और दिसंबर 2007 में बिलासपुर एसपी को आवेदन दिया। अगस्त 2012 में आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया कि दीनानाथ के बड़े भाई केदारनाथ शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के पद पर कार्यरत हैं। फैसले को चुनौती देते हुते 2014 में याचिका लगाई। कोर्ट ने अभ्यावेदन देने और इस पर निर्णय लेने के निर्देश देते हुए निराकृत कर दी गई थी। अभ्यावेदन को राज्य शासन ने इसी आधार पर निरस्त कर दिया गया था। दोबारा याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

 माँ लेक्चरर थी, इसलिए अनुकम्पा नियुक्ति रद्द

बैकुंठपुर निवासी यश मिश्रा को पिता की मौत के बाद अनुकम्पा नियुक्ति दी गई थी। मां सुनीता मिश्रा व्याख्याता (पंचायत) थीं। विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी, लेकिन वर्ष 2018 में मां के सरकारी नौकरी में रहने के आधार पर सेवामुक्त कर दिया गया।

यश ने अपने आवेदन में बताया था कि पिता की मौत के दौरान वह भिलाई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। पिता के नहीं रहने पर पढ़ाई छोड़कर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। बताया पिता को ब्रेन कैंसर था। उनके इलाज में पूरी रकम खर्च हो गई।

भाई नौकरी में, इसिलए बहन को नहीं मिली अनुकम्पा नियुक्ति

कांकेर निवासी जानकी के पति व सुमन के पिता राममूर्ति शर्मा ग्रामीण स्वास्थ्य संगठक थे। जून 2019 में उनक मौत के बाद सुमन ने जुलाई 2019 में राजनांदगाव के CMHO दफ्तर में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। भाई रमन शर्मा के कांकेर के गवर्नमेंट स्कूल में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 बॉयोलॉजी के पद कार्यरत होने के आधार पर आवेदन खारिज कर दिया था।


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