मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद आला अधिकारी हुए सख़्त.. पॉलिटिकल प्रेशर को किया ख़ारिज.. उभय पक्षों पर मामला दर्ज.. बढ़ सकती हैं धाराएँ

Update: 2021-01-12 00:47 GMT

रायपुर,12 जनवरी 2021।राजधानी में पार्षद और भीड़ द्वारा मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे के आला अधिकारियों का रुख़ सख़्त हो गया। इस घटनाक्रम को स्वाभाविक रुप से पुलिस और क़ानून के रसूख़ और हूकूक पर चुनौती माना गया और तमाम पॉलिटिकल प्रेशर को धता बता कर पार्षद और पार्षद के भाई समेत अन्य लड़कों पर मारपीट का मामला दर्ज कर दिया गया।
इस मसले में अब तक की मिली जानकारी के अनुसार पहले पार्षद कामरान अंसारी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिसमें जय मंडावी के विरुद्ध आरोप लगाया गया कि उसने पार्षद कार्यालय में तोड़फोड़ और मारपीट की। इस सूचना पर पुलिस ने जय मंडावी के खिलाफ 294,323,506 और 427 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
मामला यहाँ तक थमता तो ठीक था लेकिन इसके बाद पार्षद कामरान अंसारी और उनके सहयोगियों के द्वारा मारपीट करते हुए वीडियो वायरल हो गया। हालाँकि इसे लेकर पार्षद ने दावा किया कि वह केवल भीड़ से युवक को बचा रहे थे। इस वीडियो के बाद देर शाम तक सियासत भी तेज हो गई।
वीडियो के वायरल होते ही आला अधिकारियों की नाराज़गी चरम पर आ गई। भड़के पुलिस के आला अधिकारीयों ने पूरे घटनाक्रम को लेकर यह माना कि, पहले युवक के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई और फिर पीटा गया।
जिस अंदाज में वीडियो वायरल हुआ उसके बाद जितनी तरह की पैरवी निगम कार्यालय रायपुर से लेकर नेताओं की आई उसे ख़ारिज करते हुए पार्षद कामरान अंसारी उनके भाई समेत अन्य युवकों पर 294,323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।
संकेत हैं कि इस मामले में पार्षद और उनके पक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि पीड़ित युवक जनजाति समुदाय का है, और दबंगई के वीडियो को राजधानी पुलिस कोई मिसाल बनने नही देना चाहती।

Similar News