Liquor and Custom Milling Scam: पूर्व IAS टुटेजा और सोनी की बढ़ी रिमांड: ईडी की हिरासत में रहेंगे दोनों आरोपी, अनवर की जमानत याचिका खारिज

Liquor and Custom Milling Scam: छत्‍तीसगढ़ के चर्चित शराब और कस्‍टम मिलिंग घोटाला में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी की रिमांड बढ़ गई है। दोनों फिलहाल ईडी की हिरासत में रहेंगे। वहीं, शराब घोटाला में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका खारिज हो गई है।

Update: 2024-05-04 11:59 GMT

Liquor and Custom Milling Scam: रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज शराब और कस्‍टम मिलिंग घोटाला के आरोपियों को कोर्ट में पेश करके फिर से रिमांड की मांग की। ईडी ने कहा कि अभी आरोपियों से और पूछताछ करना बाकी है। ईडी ने अनिल टुटेजा की 11 और मनोज सोनी की 6 दिन की और रिमांड कोर्ट से मांगी थी। कोर्ट ने टुटेजा की 10 और सोनी की 6 मई तक रिमांड मंजूरी दी है। ऐसे में दोनों आरोपी फिलहाल ईडी की ही रिमांड पर रहेंगे।

बता दें कि पूर्व आईएएस टुटेजा और विशेष सचिव सोनी की आज रिमांड खत्‍म हो गई थी। इसकी वजह से ईडी ने दोनों को रायपुर स्थिति स्‍पेशल कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही ईडी ने रिमांड बढ़ाने का आवदेन भी कोर्ट में पेश कर दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने ईडी के आवेदन को मंजूर कर लिया।

महादेव एप के आरोपियों की भी पेशी

इसके साथ ही महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के आरोपी गिरीश तलरेजा, सूरज चोखानी समेत असीम दास को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने उन्‍हें चार्जशीट के चार्ज फाइल करने के लिए कोर्ट में किया पेश किया।

ढेबर की जमानत याचिका खारिज

इधर, शराब घोटाला में जेल में बंद रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के जमानत आवेदन पर भी आज कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ढेबर की याचिका खारिज कर दी।

शराब घोटाला में होटल वेनिंगटन सहित ईडी ने जब्‍त की 205 करोड़ की सपंत्ति

केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से जारी बयान के अनुसार मामले के 2 आरोपियों पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा और अनवर ढेबर की संपित्‍त अटैच की गई है। इसमें 18 चल और 161 अचल संपत्ति शामिल है। ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है उसमें जेल रोड स्थिति ढेबर परिवार का आलिशान वेनिंगटन होटल भी शामिल है। बता दें कि टूटेजा और ढेबर दोनों इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

जानिए...कौन है शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड

ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी।

न लोगों ने परिवार के सदस्‍यों के नाम पर किया निवेश

एफआईआर के अनुसार अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से प्राप्‍त रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया। वहीं, त्रिपाठी ने अपनी पत्‍नी अपनी पत्‍नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। वहीं, ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म में पैसे का निवेश किया।

क्‍या है कस्‍टम मिलिंग घोटाला

कस्‍टम मिलिंग घोटला में भी ईडी की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।

प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही से लगभग 1.06 करोड़ रूपये की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है।साथ ही बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए है। लगभन 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपडा एवं कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है, जो प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 120 बी, 409 भा.द.वि. एवं धारा 13 (1) (क) सहपठित धारा 13(2) एवं 11. अ.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।

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