Rajnandgaon Lok Sabha elections 2024: राजनांदगांव लोकसभा चुनाव 2024: राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Rajnandgaon Lok Sabha elections 2024: छत्तीगसढ़ का राजनांदगांव लोकसभा सीट एक सीमावर्ती क्षेत्र है। इस संसदीय क्षेत्र की सीमाएं मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से लगती हैं। पहले दुर्ग जिला का हिस्सा रहे राजनांदगांव को 1973 में अलग जिला बनाया गया है। अब राजनांदगांव से तीन और नए जिले बना दिए हैं। इनमें कबीरधाम, खैरागढ़ और मोहला-मानपुर शामिल हैं।
Rajnandgaon Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
राजनांदगांव लोकसभा सीट का चुनावी इहितास 1962 से शुरू होता है। तब राजा विरेंद्र बहादुर सिंह यहां से सांसद चुने गए थे। इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें शामिल हैं। मोहला – मानपुर (एसटी) और डोंगरगढ़ (एससी) के साथ बाकी पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ, राजनांदगांव, डोंगरगांव और खुज्जी सामान्य सीटे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां की 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि 3 सीट पंडरिया, कवर्धा और राजनांदगांव बीजेपी के खाते में गई हैं।
अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और सबसे लंबे समय तक कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा 1998 में यहां से सांसद चुने गए थे। इससे पहले 1977 के चुनाव को छोड़कर पूरे समय कांग्रेस का दबदबा रहा।1999 में डॉ. रमन सिंह इस सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद से राजनांदगांव सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा है। डॉ. रमन इसी सीट से सांसद रहते 2003 में छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री बने।
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)
कुल वोटर | 1862021 |
पुरुष | 927184 |
महिला | 934826 |
तृतीय लिंग | 11 |
राजनांदगांव सीट से अब तक के सांसद
वर्ष | विजेता | पार्टी |
1962 | बीरेंद्र बहादुर सिंह | कांग्रेस |
1967 | पी. देवी | कांग्रेस |
1971 | रामसहाय पांडे | कांग्रेस |
1977 | मदन तिवारी | बीएलडी |
1980 | शिवेन्द्र बहादुर सिंह | कांग्रेस (आई) |
1984 | शिवेन्द्र बहादुर सिंह | कांग्रेस |
1989 | धर्मपाल गुप्ता | भाजपा |
1991 | शिवेन्द्र बहादुर सिंह | कांग्रेस |
1996 | अशोक शर्मा | भाजपा |
1998 | मोतीलाल वोरा | कांग्रेस |
1999 | डॉ. रमन | बीजेपी |
2004 | प्रदीप गांधी | भाजपा |
2009 | मधुसूदन यादव | भाजपा |
2014 | अभिषेक सिंह | बीजेपी |
2019 | संतोष पांडे | बीजेपी |
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र का चुनाव कार्यक्रम
राजनांदगांव सीट छत्तीगसढ़ की उन 3 सीटों में शामिल है, जहां दूसरे चरण में मतदान होगा। राजनांदगांव सहित दूसरे चरण की सभी सीटों के लिए 28 मार्च 2024 को अधिसूचना जारी की गई है। 4 अप्रैल तक नामांकन जमा किए जाएंगे। 5 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 8 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 26 अप्रैल को मतदान होगा और 4 जून को मतगणना होगी।
Live Updates
- 4 April 2024 7:24 AM GMT
क्या सच में काम कर जाएगा भूपेश का यह फार्मूला
200 से ज्यादा लोगों ने खरीदा नामांकन पत्र...
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट उन संसदीय सीटों में शामिल है, जहां दूसरे चरण में चुनाव होना है। राजनांदगांव के साथ ही राज्य की कांकेर और महासमुंद सीट पर भी दूसरे चरण में ही मतदान होना है। फिलहाल इन सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। नामांकन फार्म जमा करने की कल (4 अप्रैल) को अंतिम तारीख है। राजनांदगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेश बघेल और बीजेपी प्रत्याशी व मौजूदा एमपी संतोष पांडेय ने एक दिन पहले (2 अप्रैल) को अपना नामांकन दाखिल किया। राजनांदगांव संसदीय सीट के लिए अब तक 13 लोग नामांकन दाखिल कर चुके हैं, लेकिन आज वहां चौकाने वाली घटना हुई।
- 4 April 2024 7:23 AM GMT
राजनांदगांव में प्रत्याशी बदलने की मांग
कांग्रेस में घमासान, पूर्व सीएम भूपेश पर लगे गंभीर आरोप....
रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार अभियान जैसे-जैसे तेज हो रहा है प्रदेश कांग्रेस में कल्ह बढ़ते जा रहा है। एक के बाद एक नए-नए विवाद खड़े हो रहे हैं। लोकसभा प्रत्याशियों के प्रति भी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। सबसे ज्यादा वबाल राजनांदगांव संसदीय सीट में देखने को मिल रहा है। वहां कांग्रेस से प्रत्याशी बनाए गए भूपेश बघेल का ही विरोध शुरू हो गया है। यहां तक की बघेल पर बीजेपी से सांठगांठ करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान ने राजनांदगांव की सीट पर जीत सुनिश्वित करने के इरादे से वहां से पूर्व सीएम बघेल को मैदान में उतारा है। पार्टी नेताओं का अनुमान था कि 5 साल राज्य के मुखिया रहे बघेल को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का वहां के कार्यकर्ता खुलकर समर्थन करेंगे और पूरी ताकत से वहां चुनाव लड़गे, लेकिन वहीं सबसे ज्यादा हंगामा हो रहा है। कांग्रेस के कुछ नेता भूपेश बघेल का टिकट वापस लेकर राजनांदगांव के किसी स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग उठने लगी है।
- 4 April 2024 7:22 AM GMT
मतदान की टाइमिंग तय
आयोग ने राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर के लिए तय की मतदान की समय सीमा, जाने क्या रहेगी टाइमिंग
रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के अंतर्गत द्वितीय चरण में राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 26 अप्रैल 2024 को मतदान की तिथि निर्धारित की गई है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार राजनांदगांव संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान दिवस 26 अप्रैल 2024 शुक्रवार को प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। राजनांदगांव संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत मोहला-मानपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा।
- 4 April 2024 7:21 AM GMT
पूर्व सीएम भूपेश के खिलाफ शिकायत
राजनांदगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी Ex CM पर लगा निर्वाचन आयोग के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप
दुर्ग। भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष आचार संहिता उल्लंघन को लेकर राजनांदगांव लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ शिकायत की गई है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की ओर से जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने लिखित शिकायत में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिला अंतर्गत पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक भूपेश बघेल जो राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित है। उन्होंने 26 मार्च को पाटन विधानसभा के आमालोरी गांव में आयोजित कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी करते हुए इस आशय का सार्वजनिक बयान दिया है कि अगर राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में 375 से अधिक कैंडिडेट होंगे तो निर्वाचन आयोग को राजनांदगांव में बैलेट पेपर से मतदान करवाना होगा, इसलिए पाटन क्षेत्र के कार्यकर्ता अधिक से अधिक संख्या में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में जाकर नामांकन दाखिल करें।
- 4 April 2024 7:21 AM GMT
पूर्व सीएम की वजह से हाईप्रोफाइल हुई राजनांदगांव सीट
विधानसभा चुनाव में 8 में से 5 सीट पर जीत के बावजूद पिछड़ी हुई है कांग्रेस
रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया है। बघेल प्रदेश के तेजतर्रार नेताओं में शामिल हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में 1993 में उन्होंने पाटन सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब से लेकर 2023 तक वे लगातार पाटन से चुनाव लड़ रहे हैं। केवल एक चुनाव छोड़ दें तो वे विधानसभा का चुनाव नहीं हारे हैं। लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि बघेल अभी तक एक भी बार लोकसभा का चुनाव नहीं जीत पाए हैं। पार्टी ने 2009 में उन्हें रायपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे बीजेपी के रमेश बैस से चुनाव हार गए थे।
- 4 April 2024 7:16 AM GMT
राजनांदगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सीएम भूपेश बघेल का जीवन परिचय...
कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी के व ओबीसी समाज के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वह छत्तीसगढ़ राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री थे। 2023 विधानसभा का चुनाव भूपेश बघेल ने भाजपा के प्रत्याशी व दुर्ग के सांसद विजय बघेल को 19723 मतों के अंतर से हरा कर जीता। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 2018 में चुनाव जितवाया था। युवक कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले भूपेश बघेल 1993 में पहली बार पाटन से विधायक बने थे। 2023 में वह छठवीं बार पाटन विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के वे युवक कांग्रेस उपाध्यक्ष भी रहे हैं। साथ ही 1993 से लगातार मनवा कुर्मी समाज के संरक्षक भी हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश में दिग्विजय सरकार में मंत्री रहने के साथ ही पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रदेश के पहले मंत्रिमंडल में भी वे शामिल रहे। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में वे दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे। पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा की पुत्री मुक्तेश्वरी बघेल से उनकी शादी हुई।
- 4 April 2024 7:13 AM GMT
बीजेपी प्रत्याशी संतोष पांडेय
सांसद संतोष पांडेय का जीवन परिचय...
संतोष पांडेय राजनांदगांव से 17वीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए हैं। वह बीजेपी पार्टी की टिकट से चुनाव जीत का पहली बार सांसद बने हैं। आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले संतोष पांडेय ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर कांग्रेस के प्रत्याशी भोलाराम साहू को एक लाख से अधिक मतों से चुनाव हराया है। संतोष पांडेय का जन्म 31 दिसंबर 1967 को कबीरधाम जिले के सहसपुर में हुआ है। उनके पिता का नाम स्व.शिव प्रसाद पांडेय और माता का नाम सोना देवी पांडेय है। संतोष पांडे की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी पूरी तरह भाजपा से जुड़ी रही है। इनके पिता स्वर्गीय शिव प्रसाद पांडेय सहसपुर लोहारा मंडल के दो बार मंडल अध्यक्ष रहे हैं। इनकी माता सोना देवी पांडेय अविभाजित मध्य प्रदेश में प्रदीप गांधी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के दौरान जिला पंचायत सदस्य रही हैं। इनके भाई संघ के विभिन्न प्रचारक पदों पर हैं।
- 4 April 2024 7:11 AM GMT
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर 3 चरणों में होगा चुनाव
जानिए... राज्य की किस सीट पर कब होगा लोकसभा चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में केवल एक बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में मतदान होंगे। बाकी सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के लिए एक साथ 4 जून को मतगणना होगी।
- 4 April 2024 7:10 AM GMT
विधानसभा चुनाव के हिसाब से 3 लोकसभा सीट जीत रही है कांग्रेस
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।
- 4 April 2024 7:10 AM GMT
विधानसभा V/s लोकसभा
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।