धान पर तकरार.. मंत्री सिंहदेव की सलाह पर अमरजीत के जवाबी बयान पर सिंहदेव ने मुस्कुरा कर कहा – “NO COMENTS”

Update: 2020-02-06 18:35 GMT

रायपुर 7 फरवरी 2019। धान ख़रीदी के मसले पर वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंहदेव के सूझाव पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जो बयान दिया है, उसने सूबे की सियासत में नए सवाल खड़े कर दिए हैं। हालाँकि NPG से दूरभाष पर चर्चा के दौरान मंत्री अमरजीत भगत ने पूरे मसले पर मीडिया को ही कटघरे पर ला खड़ा किया है। वहीं दिल्ली में मौजुद वरिष्ठ मंत्री और कद्दावर नेता टी एस सिंहदेव ने इस पूरे बयान पर “NO COMMENTS” की टिप्पणी की, और केवल इन दो शब्दों के साथ समझा दिया कि, आने वाले दिन सियासत में बेहद अहम होंगे।सिंहदेव का ‘नो कमेंट्स’ कहना बग़ैर कहे बहुत कुछ कहता है।

दरअसल प्रदेश में धान ख़रीदी चल रही है और उसकी समाप्ति पंद्रह फ़रवरी को होनी है, इस मियाद को बढ़ाए जाने की जरुरत मंत्री सिंहदेव ने जतलाई थी और कहा था

“प्रदेश में धान ख़रीदी की मियाद बढ़नी चाहिए, किसान को असुविधा ना हो, इसका ख़्याल रखना चाहिए.. यह मियाद बढ़े यह किसानों की माँग है”

इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की ओर से मीडिया में यह बयान कई सवाल खड़े कर गया जिसमें कि कथित रुप से खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा –

“सिंहदेव की भावना अच्छी लेकिन उन्हें वस्तुस्थिति का ज्ञान नहीं है”

इस बयान के वायरल होते ही सूबे का सियासती तापमान बढ़ गया। NPG ने मैहर में मौजुद मंत्री अमरजीत भगत से दूरभाष पर बात कर उनसे इस मसले पर चर्चा की, मंत्री अमरजीत ने कहा –

“देखिए ऐसा है कि, ना मैं उलझना चाहता हूँ ना उलझाना चाहता हूँ, मीडिया शब्दों में उलझाती है, हमारा लक्ष्य था 85 लाख मीट्रिक टन,19 लाख किसान धान बेच चुके हैं,धान ख़रीदी की जो तिथि है, उसके आते तक हम लक्ष्य पूरा कर लेंगे”

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आगे कहा –

“कोई जरुरत ऐसा पड़ती है तो कैबिनेट हो तो रही है, माननीय मुख्यमंत्री जी का जो निर्णय होगा वो किया जाएगा, पर पहले समय सीमा होने तो दीजिए, लक्ष्य पूरा हो जाएगा, हमने पिछली बार से लक्ष्य ज्यादा रखा, हमने पिछली बार से ज़्यादा किसानों को लाभान्वित किया है”

इस बयान के बाद NPG ने दिल्ली में मौजुद कद्दावर नेता और सूबे में स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव से चर्चा की और हालिया बयान पर प्रतिक्रिया माँगी तो उन्होंने सिर्फ़ दो शब्द कहे –
“NO COMMENTS”

कोई अचरज नहीं कि, भीतरखाने इस बात की याद दिलाई जाए कि किसानों का एक एक दाना ख़रीदने का वायदा किया गया है।
सिंहदेव के ये दो शब्द बेहद गहरे हैं और उसके दूरगामी असर होंगे.. सिंहदेव की सियासत को समझने वालों के लिए यह बेहद सरल से दो शब्द किसी सायरन से कम नहीं हैं।

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