जब बहू और बेटियों ने मिलकर दिया अर्थी को कंधा… नजारा देख सभी की आंखे हो गई नम, सामाजिक कुरीतियों को तोड़ निभाया बेटी होने का फर्ज….

Update: 2020-05-23 12:48 GMT

धमतरी 23 मई 2020. जब बहू और तीन बेटियां अपने पिता की अर्थी को कंधा लेकर निकली तो देखने वालों की भीड़ लग गई। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई। धमतरी में सामाजिक बंदिशों को तोड़ते हुए बहू और तीन बेटियों ने पिता के शव को कंधा दे कर पुत्र दायित्व को निभाया।

दरअसल ये पूरा मामला सिहावा, छिपली पारा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम देउरपारा की है। निवासी मोहन लाल साहू का लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसकी आज सुबह 9 बजे मौत हो गयी। चुकी मृतक का बेटा नहीं होने के कारन उसकी तीन बेटी और बहू ने शव को कंधा दिया। बता दें मृतक पूर्व में साहू समाज सिरसिदा का अध्यक्ष भी रह चुका है। मृतक के परिवार में पत्नी, बहु और तीन बेटी है। मृतक के पुत्र दीपक साहू का निधन शादी के कुछ सालों बाद ही हो चुका है। अब मृतक मोहन लाल साहू की तीन बेटी है, जिनकी शादी हो चुकी है। घर में मृतक अपनी पत्नी, बहू और दो नाती साथ रह रहा था।

आज सुबह जब बिमारी से ग्रसित मोहनलाल की मृत्यु हो गई तो बहू और तीनों बेटियों ने पिता की अंतिम यात्रा में कांधा दिया और शव को घर से बस्ती के बाहर तक छोड़ कर आये। ये नजारा जिसने भी देखा उसकी आँखे भर आई। वहीँ लोग भी कहने लगे कि सचमुच ऐसे बहू और बेटियों ने अपना फर्ज बखूबी निभाया।

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