विकास दुबे की दुबई, थाईलैंड में कई संपत्तियां, निवेश की काली कमाई…. अब ED ने शुरू की जांच….

Update: 2020-07-11 09:03 GMT

नईदिल्ली 11 जून 2020। एनकाउंटर के बाद अब गैंगस्टर विकास दुबे की संपत्ति की जांच होगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। ईडी ने यूपी पुलिस से विकास दुबे और उसके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों के साथ आपराधिक गतिविधियों में सहयोगियों का विवरण मांगा है। प्रवर्तन निदेशालय ने विकास दुबे के खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है।

विकास दुबे का नाम शासन-प्रशासन की भूमाफिया की टॉप-10 सूची में नहीं है। यही नहीं विकास की कई प्रॉपर्टी दुबई और थाईलैंड में भी है। प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही बदमाशों और भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की थी। कई बड़े भू माफियाओं को सरकार ने बेनकाब भी किया लेकिन विकास दुबे पर कोई आंच नहीं आई। आए भी कैसे, क्योंकि विकास दुबे के खिलाफ तहसील और थाना स्तर पर कब्जे की कोई शिकायत ही नहीं है। या यूं कहें किसी ने शिकायत कराने की हिम्मत ही नहीं जुटाई।

यूपी एसटीएफ की अभी तक की जांच की मानें तो, विकास दुबे ने दुबई और थाईलैंड में प्रॉपर्टी खरीद रखी है। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है। विकास दुबे ने पिछले तीन सालों में 14 देशों का यात्राएं की है। हाल ही में उसने लखनऊ में एक घर खरीदा है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए से ऊपर है। प्रवर्तन निदेशालय ने कानुपर पुलिस से गैंगस्टर विकास दुबे, उनके परिवार और करीबी सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है।

इसके अलावा कानपुर के अंदर ब्रह्मनगर में छह मकान, आर्यनगर के एक अपार्टमेंट में आठ फ्लैट और पनकी में एक ड्यूप्लैक्स कोठी की जानकारी मिल चुकी है। इनकी अनुमानित कीमत 28 करोड़ रुपए बताई जा रही है। विकास और उसके सहयोगी के बीच बैंक के जरिए लेनदेन के ठोस सबूत मिल चुके हैं।

सरकारी व्यवस्था के तहत किसी को भूमाफिया घोषित करने के लिए उसके खिलाफ दो स्तर से जांच की जाती है। पहली व्यवस्था के तहत यदि किसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो तहसील के माध्यम से जांच कर कब्जा करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर जानकारी ऊपर भेजी जाती है।

दूसरी व्यवस्था के तहत यदि किसी ने प्राइवेट जमीन पर कब्जा किया है और जिसकी जमीन है, उसने थाने में मुकदमा दर्ज करा रखा है तो पुलिस की तरफ से कब्जे की रिपोर्ट ऊपर भेजी जाती है। इन दोनों माध्यमों से जो रिपोर्ट आती है, उसी आधार पर किसी को भूमाफिया घोषित करने की व्यवस्था है। विकास दुबे के खिलाफ तहसील और थाना स्तर पर किसी तरह की जमीन कब्जाने की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की गई है।

किसी ने प्रयास भी किया तो विकास दुबे अपने दबदबे से सब कुछ मैनेज कर लेता था। यही वजह है कि आज तक उसे भूमाफिया की श्रेणी में सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है। बिकरू में हुई घटना के बाद अब शासन-प्रशासन प्रदेश स्तर पर उसकी जमीनों की जांच कर रही है। इसी आधार पर उसकी संपत्तियां नष्ट की जा सकती हैं। बिकरू में उसके आवास को ध्वस्त कर दिया गया है, कहा जा रहा यह आवास कब्जे की जमीन पर बना था।

एसटीएफ की टीम विकास दुबे के मामले में एक बार फिर उज्जैन जाएगी। वहां पर विकास दुबे के शराब कारोबारी से कनेक्शन की जांच होगी। विकास दुबे के उज्जैन में प्रवास के दौरान शराब कारोबारी ने विकास की मदद की थी। उसको भी मध्य प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके साथ ही एसटीएफ महाकाल मंदिर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरा को खंगालेगी। वहां पर एसटीएफ विकास की मदद करने वालों से भी पूछताछ करेगी।

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