Up Madarsa News: यूपी के मदरसों से एनसीईआरटी की किताबें गायब, मंत्री ने जताई नाराजगी, विभाग ने अब तक नहीं दिया जवाब
Up Madarsa News: उत्तर प्रदेश के मदरसों से एनसीईआरटी की किताबें पर अचानक रोक लगा दी गई है. जिसे लेकर मंत्री ओपी राजभर ने ढाई माह पहले पत्र लिखकर जवाब मांगा था जिस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है.
Up Madarsa News: उत्तर प्रदेश के मदरसों से एनसीईआरटी की किताबें पर अचानक रोक लगा दी गई है. इन किताबों को अचानक बंद करने से पहले उच्चस्तरीय अनुमोदन भी नहीं लिया गया. जिसे लेकर मंत्री ओपी राजभर ने ढाई माह पहले पत्र लिखकर जवाब मांगा था जिस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है.
एनसीईआरटी की किताबों पर रोक
यूपी के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें अचानक बंद कर दी गई. प्रदेश के किसी भी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों का वितरण नहीं हो रहा है. और इसके पहले कभी उच्चस्तरीय अनुमोदन भी नहीं लिया गया है. मामले की जानकारी होते ही अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओपी राजभर ने नाराजगी जताते हुए अपर मुख्य सचिव को करीब ढाई माह पहले एक पत्र लिखकर मामले का स्पष्टीकरण मांगा जिसे लेकर अब तक कोई जवाब नही आया है.
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद 15 मई 2018 को गठित प्रगतिवादी मदरसा बोर्ड ने मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का आदेश दिया था. इसका शासनादेश 30 मई 2018 को जारी हुआ. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस आदेश को लागू करने में सहमती जताई. जिसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने 3 साल तक सभी मान्यता प्राप्त और अनुदानित मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम किताबें वितरित कीं, लेकिन वर्ष 2023 में बिना उच्चस्तरीय अनुमोदन लिए इसपर अचानक रोक दी गई. जिसे लेकर मंत्री ओपी राजभर ने नाराजगी जताई है.
अफसर के दबाव में बदला फैसला
जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी 2023 को मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग की तरह मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने पर सहमति बनी थी. जिस पर एक वरिष्ठ अफसर के दबाव से इस फैसले को बदल दिया गया.
मंत्री ने जताई नाराजगी मांगा जवाब
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को जब यह जानकारी मिली तो 9 सितंबर 2024 उन्होनें एक पत्र लिखकर एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू न करने करने की जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी और जवाब मांगा. इस पर उन्होने बताया कि मैंने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी थी. करीब ढाई माह से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है. और मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों का वितरण बिना मुख्यमंत्री की सहमति के रोक दिया गया.