UP BJP New President Race : यूपी BJP की कमान किसे? सात बार के सांसद और कुर्मी नेता पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे, सपा के PDA को ओबीसी दांव से मात देने की तैयारी
UP BJP New President Race : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कल अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है
UP BJP New President Race : यूपी BJP की कमान किसे? सात बार के सांसद और कुर्मी नेता पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे, सपा के PDA को ओबीसी दांव से मात देने की तैयारी
UP BJP New President Race : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कल अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है, और इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री और महराजगंज से लगातार सात बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम सबसे ऊपर है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाईकमान ने पंकज चौधरी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला कर लिया है। उनके चयन के पीछे BJP की एक सोची-समझी रणनीति मानी जा रही है, जिसका सीधा मकसद आगामी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) दांव को ओबीसी (OBC) कार्ड से कमजोर करना है।
UP BJP New President Race : पंकज चौधरी की जन्म कुंडली
पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर जिले के एक प्रतिष्ठित जमींदार परिवार में हुआ था। उनके पिता, भगवती प्रसाद चौधरी, स्थानीय स्तर पर एक सम्मानित व्यक्ति थे, जबकि उनकी माता, उज्ज्वल चौधरी, सक्रिय राजनीति में थीं और महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में चुनी गई थीं। इस तरह, पंकज चौधरी को विरासत में एक मजबूत सामाजिक और राजनीतिक आधार मिला। उन्होंने 1989 में गोरखपुर नगर निगम से पार्षद चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और यह चुनाव जीता भी।
1989 में जब महराजगंज गोरखपुर से अलग होकर एक नया जिला बना, तो पंकज चौधरी ने इस नए क्षेत्र को अपनी राजनीति का केंद्र बना लिया। उन्होंने 1991 के लोकसभा चुनाव में पहली बार महराजगंज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पंकज चौधरी महराजगंज से लगातार 1991, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में लोकसभा चुनाव जीतकर सात बार के सांसद बन चुके हैं। उन्हें अपने लंबे सियासी सफर में केवल 1999 और 2009 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। उनके अनुभव और लगातार जीत को देखते हुए, उन्हें 2021 से केंद्र की मोदी सरकार में लगातार महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपे गए हैं, जो केंद्र में उनके मजबूत कद को दर्शाता है।
पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने का मुख्य कारण उनका कुर्मी समुदाय से आना है। वह बीजेपी के बड़े कुर्मी नेता माने जाते हैं और ओबीसी समाज में उनकी तगड़ी पकड़ है। BJP का मानना है कि पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर वह सपा के मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण के खिलाफ एक मजबूत ओबीसी कार्ड खेल सकती है। यह कदम आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कुर्मी और अन्य ओबीसी वोट बैंक को मजबूती से पार्टी के पाले में लाने की दिशा में एक निर्णायक प्रयास माना जा रहा है। उनके राजनीतिक करियर में 1990-91 में गोरखपुर नगर निगम के उप महापौर बनने और पार्टी की कार्य समिति के सदस्य रहने का अनुभव भी शामिल है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके पास सांगठनिक और प्रशासनिक दोनों तरह का अनुभव मौजूद है। पार्टी को उम्मीद है कि उनके संगठनात्मक अनुभव और मजबूत जनाधार से राज्य इकाई को एक नई गति मिलेगी।