Maharajganj News: स्वास्थ्य विभाग का गजब कारनामा, कुंवारों की करवा दी नसबंदी, जांच के नाम पर ले गयी थी अस्पताल, फिर...

Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहाँ आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने पेंशन देने के नाम पर अविवाहितों की धोखे से नसबंदी करवा दी है.

Update: 2024-07-23 08:46 GMT

Maharajganj News: महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहाँ आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने पेंशन देने के नाम पर अविवाहितों की धोखे से नसबंदी करवा दी है. मामला उजागर होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. 

क्या है मामला 

जानकारी के मुताबिक़, मामला जिले के नौतनवा तहसील के रतनपुर विकास खंड का है. यहाँ के रहने वाले चार व्यक्ति ने स्वास्थ्य विभाग पर धोखा देकर नसबंदी का आरोप लगाया है. चारों का आरोप है कि उनके गांव की आशाकर्ता  और स्वास्थ्य कर्मचारी पेंशन दिलाने का लालच देकर उन्हें अस्पताल ले गई और वहां उनकी नसबंदी कर दी. 

आशाकर्ताओं ने धोखे से करवाई नसबंदी 

कैथवलिया उर्फ बरगदही गांव के एक पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी का निधन हो गया है. 2 दिन पहले गांव की आशा कार्यकर्ता घर आयी थी. उन्होंने कहा कि विधुरों ले एक पेंशन की स्किम आयी है. जिसके लिए वो स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के नाम पर अस्पताल ले गयी और नसबंदी करवा दी. वही अन्य पीड़ितों ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने लोगों से कहा की यह एक स्वास्थ्य परीक्षण व पेंशन की योजना है. जिसके लिए गाँव के लोगों को फंसाया. 

ऐसे हुआ खुलासा

उसके बाद वो चार व्यक्तियों को पहले रतनपुर सीएचसी लेकर गई. फिर आशा कार्यकर्ती पीड़ितों को फरेंदा क्षेत्र के बनकटी सीएचसी पर ले जाकर उनका ऑपरेशन करवा दिया गया. उन्हें इस बात की जानकारी तब हुई जब वो घर गए और उनके गुप्तांग में दर्द हुआ. जब परिजनों चेक किया तो देखा गुप्तांग में टांका लगा हुआ था. इसे देख सबके होश उड़ गए. 

सीएमओ ने जांच टीम का किया गठन 

इस मामले में पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है. और सभी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है. वहीँ मामले में जिलाधिकारी अनुनय झा ने संज्ञान ले लिया है. स्वास्थ विभाग को जांच के आदेश दिए गए है. इधर सीएमओ दिलीप सिंह ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. तीन दिन के अंदर टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी. बता दें, जिन चार लोगो की नसबंदी की गयी है वे अविवाहित, मानसिक रूप से विक्षिप्त और विधुर है. 

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