Kanpur Chamanganj Fire: कानपुर में जूता फैक्ट्री में लगी भयानक आग! एक परिवार के 5 लोगों की मौत, माँ बाप और 3 बेटियों जिंदा जलीं

Kanpur Chamanganj Fire: कानपुर के चमनगंज में जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग में माता-पिता और तीन बेटियों की दर्दनाक मौत हो गई। 70 फायर फाइटर्स ने 7 घंटे तक आग से जूझकर उसे काबू में किया। जानिए आग लगने की वजह और पूरी घटना की डिटेल।

Update: 2025-05-05 03:18 GMT

Kanpur Chamanganj Fire: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में रविवार (4 मई, 2025) की रात एक बहुत दुखद हादसा हुआ। चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेम नगर में एक चार मंजिला इमारत में आग लग गई। इस इमारत में नीचे के दो फ्लोर पर जूते और चप्पल बनाने की फैक्ट्री थी। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों—मोहम्मद दानिश (45 साल), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42 साल) और उनकी तीन बेटियों सारा (15 साल), सिमरा (12 साल), और इनाया (7 साल)—की मौत हो गई।

आग कैसे लगी और अब तक क्या हुआ?

लोगों का कहना है कि आग सबसे पहले इमारत के बेसमेंट में लगी। वहां से सिर्फ 20 मिनट में आग चौथी मंजिल तक पहुंच गई। आग के साथ-साथ इमारत में तीन जोरदार धमाके भी हुए। ऐसा लगता है कि ये धमाके गैस सिलेंडर फटने की वजह से हुए। रात 8:30 से 8:45 बजे के बीच शुरू हुई इस आग की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई।

फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने की कोशिश शुरू की। रात 1:30 बजे लखनऊ से SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम भी मदद के लिए आई। कुल 70 से ज्यादा फायर फाइटर्स ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया। सात घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सुबह 5:30 बजे आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक चौथी मंजिल पर फंसे परिवार के पांचों लोग अपनी जान गंवा चुके थे। उनके शवों को बर्न यूनिट भेजा गया।

आग बुझाना क्यों था मुश्किल?

आग बुझाने में बहुत दिक्कत हुई क्योंकि फैक्ट्री में जूते बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला डेंड्राइड केमिकल और पेट्रोल रखा था। ये चीजें आग को बार-बार भड़का रही थीं। इसके अलावा, इमारत से निकलने वाला गाढ़ा धुआं फायर फाइटर्स को अंदर जाने से रोक रहा था। इमारत की सीढ़ियां भी बहुत संकरी थीं, जिससे बचाव कार्य और मुश्किल हो गया।

कैसे हुआ रेस्क्यू?

फायर फाइटर्स ने पहले पानी की बौछारों से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन इमारत की ऊंचाई की वजह से यह मुश्किल था। फिर उन्होंने हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म (एक तरह की मशीन जो ऊंचाई तक पहुंचने में मदद करती है) का इस्तेमाल किया। इसकी मदद से तीसरी मंजिल पर फंसे कुछ लोगों को सुरक्षित निकाला गया। लेकिन चौथी मंजिल तक पहुंचना बहुत मुश्किल था, और वहां फंसे परिवार को बचाया नहीं जा सका।

पुलिस ने आसपास की छह इमारतों को खाली करवा दिया ताकि कोई और हादसा न हो। वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को तुरंत बचाव कार्य तेज करने का आदेश दिया। अभी तक यह साफ नहीं है कि आग क्यों लगी। कुछ लोगों का कहना है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग शुरू हुई। पुलिस और फायर विभाग इसकी जांच कर रहे हैं। इमारत के नीचे गोदाम में जूते का कच्चा माल और केमिकल रखे थे, जिसने आग को और खतरनाक बना दिया।

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