Amethi Lok Sabha Chunav Result 2024: चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, किशोरी लाल शर्मा स्मृति ईरानी से 45,718 वोटों से आगे चल रहे हैं। अब तक किशोरी लाल शर्मा को 146,911 वोट मिल चुके हैं, जबकि स्मृति ईरानी को 101,193 वोट मिले हैं। यह अंतर काफी बड़ा है, खासकर जब इसी सीट से पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।कौन हैं किशोरी लाल शर्मा? किशोरी लाल शर्मा, जिन्हें केएल शर्मा भी कहा जाता है, गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। मूलतः पंजाब के लुधियाना से हैं और उन्होंने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। राजीव गांधी के निधन के बाद उनके रिश्ते गांधी परिवार के साथ पारिवारिक हो गए और वे हमेशा गांधी परिवार के ही होकर रह गए।रायबरेली और अमेठी में केएल शर्मा का इतिहास1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद, केएल शर्मा ने शीला कौल और सतीश शर्मा के लिए मदद की और अक्सर रायबरेली और अमेठी में सक्रिय रहे। जब सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और अमेठी से चुनाव लड़ा, तो केएल शर्मा उनके साथ अमेठी आए। जब सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ दी और खुद रायबरेली आ गईं, तो केएल शर्मा ने रायबरेली और अमेठी दोनों सीटों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली।वफादारी का मिला इनाम केएल शर्मा की निष्ठा और वफादारी ने उन्हें रायबरेली और अमेठी के संसदीय कार्यों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका दी। उन्होंने कभी कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी और सोनिया गांधी के करीबी बने रहे। लंबे समय से जमीनी स्तर पर काम करने की वजह से स्थानीय लोग उन्हें अच्छी तरह जानते हैं। इसका असर चुनावी रुझानों में भी दिखाई दे रहा है।जातीय समीकरण में फिट बैठते हैं किशोरी लाल शर्मा अमेठी में जातीय समीकरण के अनुसार, दलित लगभग 26 फीसदी, मुस्लिम 20 फीसदी और ब्राह्मण 18 फीसदी के करीब हैं। इन जातीय समीकरणों में किशोरी लाल शर्मा फिट बैठते हैं, जो उनके चुनावी प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह आंकड़े न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने जारी किए थे।
Amethi Lok Sabha Chunav Result 2024: चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, किशोरी लाल शर्मा स्मृति ईरानी से 45,718 वोटों से आगे चल रहे हैं। अब तक किशोरी लाल शर्मा को 146,911 वोट मिल चुके हैं, जबकि स्मृति ईरानी को 101,193 वोट मिले हैं। यह अंतर काफी बड़ा है, खासकर जब इसी सीट से पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।कौन हैं किशोरी लाल शर्मा? किशोरी लाल शर्मा, जिन्हें केएल शर्मा भी कहा जाता है, गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। मूलतः पंजाब के लुधियाना से हैं और उन्होंने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। राजीव गांधी के निधन के बाद उनके रिश्ते गांधी परिवार के साथ पारिवारिक हो गए और वे हमेशा गांधी परिवार के ही होकर रह गए।रायबरेली और अमेठी में केएल शर्मा का इतिहास1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद, केएल शर्मा ने शीला कौल और सतीश शर्मा के लिए मदद की और अक्सर रायबरेली और अमेठी में सक्रिय रहे। जब सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और अमेठी से चुनाव लड़ा, तो केएल शर्मा उनके साथ अमेठी आए। जब सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ दी और खुद रायबरेली आ गईं, तो केएल शर्मा ने रायबरेली और अमेठी दोनों सीटों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली।वफादारी का मिला इनाम केएल शर्मा की निष्ठा और वफादारी ने उन्हें रायबरेली और अमेठी के संसदीय कार्यों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका दी। उन्होंने कभी कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी और सोनिया गांधी के करीबी बने रहे। लंबे समय से जमीनी स्तर पर काम करने की वजह से स्थानीय लोग उन्हें अच्छी तरह जानते हैं। इसका असर चुनावी रुझानों में भी दिखाई दे रहा है।जातीय समीकरण में फिट बैठते हैं किशोरी लाल शर्मा अमेठी में जातीय समीकरण के अनुसार, दलित लगभग 26 फीसदी, मुस्लिम 20 फीसदी और ब्राह्मण 18 फीसदी के करीब हैं। इन जातीय समीकरणों में किशोरी लाल शर्मा फिट बैठते हैं, जो उनके चुनावी प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह आंकड़े न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने जारी किए थे।