IPS Jasbir Singh: IPS बर्खास्त, राजा भैया पर शिकंजा कसने वाले IPS को किया गया बर्खास्त...

IPS Jasbir Singh: रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर शिकंजा का चर्चाओं में आए 1992 बैच के आईपीएस जसबीर सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। अनुशासनहीनता और सरकार की नीतियों की सार्वजनिक आलोचना के चलते वे पिछले 5 साल से भी अधिक समय से निलंबित चल रहे थे। यूपीएससी के द्वारा सहमति जताने के बाद उनका बर्खास्तगी आदेश जारी किया गया है।

Update: 2024-11-07 13:45 GMT

IPS Jasbir Singh: 1992 बीच के आईपीएस जसबीर सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। प्रतापगढ़ के एसपी रहने के दौरान रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर शिकंजा कसने को लेकर चर्चाओं में रहे जसबीर सिंह को बर्खास्त करने की अनुशंसा स्वीकृत होने के बाद आईपीएस जसबीर सिंह को निलंबित किया गया है। बता दे आईपीएस जसबीर सिंह पिछले 5 साल से भी अधिक समय से अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित चल रहे थे।

1992 बैच के आईपीएस जसबीर सिंह को शासन की नीतियों और कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक आलोचना के आरोप में 14 फरवरी 2019 को निलंबित किया गया था। जसबीर सिंह ने फरवरी 2019 में एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में शासन की कई नीतियों व कार्य प्रणाली की आलोचना की थी। उन्होंने अफसरों की ट्रांसफर पॉलिसी, एनकाउंटे नीति समेत कई मुद्दों पर सरकार की खिलाफत करते हुए उन्हें घेरा था। सरकार की नीतियों के खिलाफ कई बिंदुओं में सवाल उठाए थे।

बता दे कि प्रतापगढ़ के एसपी रहने के दौरान बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर शिकंजा कसने को लेकर जसबीर सिंह देशभर में चर्चित हुए थे। वहां से हटने के बाद कई विभागों में रहे। होमगार्ड के एडीजी रहने के दौरान होमगार्ड में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर उन्हें होमगार्ड एडीजी के पद से हटाकर रूल्स एंड मैनुएल्स एडीजी के पद पर पोस्टिंग दी गई थी। फरवरी 2019 में उन्होंने न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए कहा था कि रूल्स एंड मैनुएल्स में कोई काम नहीं होने के बावजूद भारी भरकम स्टाफ को बैठा कर वेतन दिया जा रहा है। जसवीर सिंह ने माना था कि खुद उन्हें भी बिना काम के बैठा कर सरकार वेतन दे रही है। इसके अलावा भी सरकार की कई नीतियों की आलोचना सार्वजनिक रूप से वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में जसबीर सिंह ने की थी।

इस सिविल सेवा आचरण संहिता अधिनियम का उल्लंघन मान सरकार ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था पर जवाब देने की वजह है वह छुट्टी पर चले गए। छुट्टी पर जाने के लिए ना तो उन्होंने विधिवत अनुमति ली और न ही जवाब दिया। जिसके चलते उन्हें 14 फरवरी 2019 को उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उन्हें 50% वेतन दिया जाता रहा। उनका निलंबन बढ़ाते हुए 5 साल तक हो गया।

इसके बाद फोन पर लगे आरोपों की जांच कर उन्हें चार्जशीट दी गई और जसबीर सिंह से जवाब मांगा गया। पर जसबीर सिंह के जवाब से शासन संतुष्ट नहीं हुआ और इस आधार पर उन्हें सेवा मुक्त करने की अनुशंसा यूपीएससी को भेज दी। सरकार की इस अनुशंसा के खिलाफ एडीजी ने राष्ट्रपति से अपील की है। जिस पर अभी कोई फैसला नहीं आ सका है। उससे पहले यूपीएससी के द्वारा सरकार की अनुशंसा पर सहमति जताने पर एडीजी जसबीर सिंह को बर्खास्त कर दिया गया।

सेवाएं समाप्त होने के बाद जसबीर सिंह पेंशन के पात्र होंगे। क्योंकि उन्हें अनुशासनात्मक आरोपों में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, ना कि किसी आपराधिक आरोप में सजा दी गई है।

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