भ्रष्टाचार में घिरे दो IPS मिले दोषी, सख्त कार्रवाई की सिफारिश… विजिलेंस ने शासन को भेजी रिपोर्ट

Update: 2020-09-14 03:33 GMT

नईदिल्ली 14 सितम्बर 2020। यूपी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे आइपीएस अधिकारियों पर ग्रहण के बादल लगातार मंडरा रहे हैं। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे आइपीएस अधिकारी डॉ.अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के विरुद्ध जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। आईपीएस अधिकारियों में अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। विजिलेंस ने शासन को भेजी रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों पर लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया है।

सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस को जांच के दौरान अजय पाल और हिमांशु की कई बेनामी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी मिली। हालांकि इस बारे में गृह विभाग और विजिलेंस के अफसर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।

डीजी विजिलेंस पीवी रमापति शास्त्री ने कहा कि रिपोर्ट उन्होंने शासन को सौंप दी है, इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं बताया जा सकता। वहीं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस रिपोर्ट के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता।

जानकारी के अनुसार, जिस फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर अजय पाल शर्मा को बेकुसूर बताया जा रहा है, वह रिपोर्ट भी अधूरी है। विजिलेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, फोरेंसिक एक्सपर्ट ने अपने बयान में बताया है कि अजय पाल की आवाज का नमूना वैज्ञानिक तरीके से नहीं लिया गया था।इससे तय नहीं हो पाया कि ऑडियो क्लिप में आवाज अजय पाल की है या नहीं। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने वैज्ञानिक तरीके से दोबारा नमूना लेकर उसकी जांच कराए जाने की बात कही है।

जानिए क्या था मामला
नोएडा के एसएसपी रहते हुए वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश साहा और हिमांशु कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। शुरुआती जांच में सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण और गणेश साहा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके थे।

वहीं, अजय पाल और हिमांशु के खिलाफ पर्याप्त सुबूत पाए गए थे, जिसके आधार पर विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई थी। अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं।

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