ये काली काली आंखें 2 सीरीज प्यार, धोखा और ऐक्शन का रोमांचक मिश्रण

ये काली काली आंखें 2 सीरीज में जुनूनी इश्क, धोखा और ऐक्शन का शानदार संगम देखने को मिलता है। विक्रांत और पूर्वा के बीच के खतरनाक रिश्ते के नए मोड़, शानदार एक्टिंग और रोमांचक कहानी के साथ इस सीरीज ने दर्शकों को अपनी ओर खींचा है।

Update: 2024-11-24 05:30 GMT

साल 2022 में आई वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' ने अपने दर्शकों को खूब मनोरंजन किया था। अब, इस सीरीज का दूसरा सीजन 'ये काली काली आंखें 2' ने भी दर्शकों को रोमांच से भरा नया अनुभव दिया है। इस सीरीज में जुनूनी इश्क, धोखा, प्यार, और ऐक्शन का बेहतरीन मिश्रण है, जो दर्शकों को अपने साथ बांधे रखता है। अगर आप भी मसाला फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह सीरीज आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

'ये काली काली आंखें 2' की कहानी:

'ये काली काली आंखें 2' की कहानी सीजन 1 के बाद आगे बढ़ती है, जहां विक्रांत (ताहिर राज भसीन) अपने पत्नी पूर्वा अवस्थी (आंचल सिंह) को मारने के अपने प्लान में फेल हो जाता है। उसकी जिंदगी और भी उलझी हुई हो जाती है जब उसका कॉन्ट्रैक्ट किलर जालान (अरुणोदय सिंह) उसे धोखा दे देता है और पूर्वा को मारने की बजाय उसे किडनैप कर लेता है। इस किडनैपिंग के बाद विक्रांत की एक ही इच्छा होती है कि पूर्वा कभी वापस ना आए, ताकि वह अपनी प्रेमिका शिखा (श्वेता त्रिपाठी शर्मा) के साथ अपनी जिंदगी बसा सके।

लेकिन कहानी में ट्विस्ट आता है जब शिखा की शादी पुलिस ऑफिसर से हो जाती है और विक्रांत को यह डर सताता है कि कहीं पूर्वा के गैंगस्टर पिता अखेराज (सौरभ शुक्ला) को यह सब पता ना चल जाए। इसके साथ ही, कहानी में दो और किरदारों की एंट्री होती है - अखेराज का दुश्मन शेरपा (वरुण बडोला) और पूर्वा से एकतरफा प्यार करने वाला गुरु (गुरमीत चौधरी)। अब यह देखना होगा कि पूर्वा बच पाती है या नहीं और विक्रांत अपने मकसद में कामयाब हो पाता है या नहीं।

'ये काली काली आंखें 2' का रिव्यू:

राइटर-डायरेक्टर सिद्धार्थ सेनगुप्ता ने इस सीरीज में रोमांच बनाए रखने के लिए कई ट्विस्ट और टर्न डाले हैं। सीरीज का फलक यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड, लंदन, और नेपाल तक फैलता है, जिससे दर्शकों को एक शानदार अनुभव मिलता है। उत्तराखंड की बर्फीली वादियों में ऐक्शन सीन खासतौर पर आकर्षक दिखते हैं। हालांकि, कुछ समय तक कहानी चूहे-बिल्ली के खेल में फंसी रहती है, लेकिन जैसे ही नए खुलासे होते हैं, कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है।

कास्ट और एक्टिंग:

सीरीज के कास्ट के अभिनय की बात करें तो ताहिर राज भसीन ने शानदार प्रदर्शन किया है। विक्रांत के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है, जिसमें वह अपने चेहरे, हाव-भाव और आंखों से विक्रांत के दर्द और निराशा को बहुत अच्छे से व्यक्त करते हैं। आंचल सिंह (पूर्वा) को भी जब मौका मिला, तो उन्होंने अपने किरदार को मजबूती से निभाया। श्वेता त्रिपाठी शर्मा और गुरमीत चौधरी ने भी अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया। हालांकि, बृजेंद्र काला, अरुणोदय सिंह, और अनंत जोशी जैसे कलाकारों को और ज्यादा स्क्रीन टाइम मिल सकता था।

क्यों देखें:

अगर आप एक्शन, प्यार, और धोखे से भरी कहानी पसंद करते हैं, तो 'ये काली काली आंखें 2' आपके लिए एक बेहतरीन शो है। इसके रोमांचक मोड़, शानदार ऐक्शन सीन और दमदार अभिनय आपको पूरी तरह से बांधे रखेंगे। इस सीरीज का दूसरा सीजन निश्चित रूप से दर्शकों को निराश नहीं करेगा और वे इसके अगले भाग का इंतजार करेंगे।

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