Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, जारी रहेगा ASI का सर्वे
Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) के फैसले को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है।
Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) के फैसले को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है। इस मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा अदालत के आदेश से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कार्य जारी रहेगा। इमारत को क्षति पहुंचाए बिना एएसआई अपना सर्वे कार्य करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Islamia Masjid Committee) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एएसआई सर्वे पर रोक के लिए याचिका लगाई थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका देते हुए हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। केवल विवादित वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे किया जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार को एएसआई को ज्ञानवापी में सर्वे की इजाजत दी थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act 1991) का मुद्दा भी उठा है। मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप सही हैं, एक्ट के 2(बी) रूपांतरण शब्द का उपयोग बहुत व्यापक अर्थ में है। एक्ट के तहत साफ है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। मुख्य न्यायधीश ने पूछा कि प्रश्न यह है कि 15 अगस्त 1947 को उस स्थान की धार्मिक पहचान क्या थी?
अदालत में आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के बयान पर भी चर्चा की गई। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि सीएम योगी ने जो बयान दिया है, वह सही नहीं है। राज्य को किसी भी पक्ष के में नहीं बोलना चाहिए। बता दें कि सीएम योगी ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मुद्दे पर कहा था कि इसे मस्जिद कहने पर विवाद होगा। अगर ज्ञानवापी मस्जिद है तो उसके अंदर स्वस्तिक का निशान और त्रिशूल क्या कर रहा है? मस्जिद के अंदर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का क्या अर्थ है?