Gujarat High Court: गुजरात HC ने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की जबरन वसूली पर लिया स्वत संज्ञान, सुनवाई 11 सितंबर को
Gujarat High Court: गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद में दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और एक ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) कर्मी से जुड़ी जबरन वसूली की एक घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
Gujarat High Court: गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद में दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और एक ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) कर्मी से जुड़ी जबरन वसूली की एक घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
यहां देर रात यात्रा कर रहे एक जोड़े ने अधिकारियों पर जबरन वसूली का आरोप लगाया। इस मामले को एक स्थानीय समाचार रिपोर्ट के माध्यम से अदालत के संज्ञान में लाया गया था। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध पी. मायी की खंडपीठ ने मामले के संबंध में पुलिस आयुक्त से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने जवाबदेही की जरूरत पर जोर दिया और 11 सितंबर को आगामी सुनवाई तक अहमदाबाद पुलिस आयुक्त कार्यालय के एक राजपत्रित अधिकारी से की गई कार्रवाई रिपोर्ट और एक हलफनामा जमा करने को कहा है।
कथित तौर पर अपने नवजात बच्चे के साथ दंपति को देर रात 1 बजे के आसपास कैब में यात्रा करते समय दो ट्रैफिक कांस्टेबलों और टीआरबी कर्मियों ने रोका। दंपति थाईलैंड में छुट्टियां मनाकर लौटा था और उन्हें जांच के लिए रोका गया। अधिकारियों की पहचान की गई और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
दंपति का आरोप है कि चेकिंग अभियान के दौरान ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल जबरन कैब में घुस गए और उन्हें धमकी देकर पैसे देने के लिए मजबूर किया। अधिकारियों ने कथित तौर पर देर रात यात्रा को नियम का उल्लंघन बताते हुए पुलिस आयुक्त की अधिसूचना का इस्तेमाल किया और उन्हें छोड़ने के लिए 2 लाख रुपये की मांग की। आख़िरकार, दंपति को 60,000 रुपये देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि अधिकारी न केवल दंपति की कैब में दाखिल हुए, बल्कि महिला को उसके 1 साल के बेटे को स्तनपान कराने से भी रोका। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन फ्लाईओवर पर जगुआर दुर्घटना की घटना के बाद शहर पुलिस ने कथित तौर पर रात के दौरान वाहन चेकिंग गतिविधियां तेज कर दी थीं।