2002Gujarat Danga : नरोदा गाम नरसंहार मामले में माया कोडनानी और बाबू बजरंगी सहित सभी आरोपी बरी, जानिए क्या था पूरा मामला?

2002Gujarat Danga : 2002 गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाम नरसंहार मामले में स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में विशेष अदालत ने 68 आरोपियों को बरी कर दिया.

Update: 2023-04-20 16:49 GMT

2002Gujarat Danga : 2002 गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाम नरसंहार मामले में स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में विशेष अदालत ने 68 आरोपियों को बरी कर दिया. इस दंगे में तब 11 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में 21 साल बाद अदालत का फैसला आया है. बता दें कि कुल 86 आरोपियों में से 18 की पहले ही मौत हो चुकी है.

विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके बक्शी ने 2002 के दंगों के दौरान नरोदा गाम में 11 लोगों की हत्या के मामले में फैसला सुनाया, जिसमें भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी आरोपी थे. इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.

11 लोगों की हुई थी मौत

28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान 11 लोग मारे गए थे. नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में माया कोडनानी को मुख्य आरोपी बनाया गया था. माया कोडनानी राज्य की पूर्व मंत्री रह चुकी हैं. इस मामले की सुनवाई के दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी सितंबर 2017 में माया कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए थे.

182 गवाहों को किया गया था पेश

इस मामले में 16 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी. दो दशक तक चले ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से 182 गवाहों को पेश किया गया था. पीड़ित पक्ष ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से दोषियों को सजा देने की मांग की थी. इसके बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 20 अप्रैल की तारीख तय की थी.

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