अंग्रेजी मूल के इस खिलाड़ी ने ओलंपिक में भारत के लिए जीता पहला पदक, फिर हॉलीवुड में बिखेरे जलवे

Update: 2021-06-24 08:21 GMT

नईदिल्ली 24 जून 2021। ओलिंपिक में भारत के लिए पहला पदक (व्यक्तिगत) नार्मन प्रिचर्ड ने 1900 में जीता था या 1952 में जाधव ने, यह बहस आज भी हाेती है. 1900 में पेरिस में हुए ओलिंपिक में नार्मन प्रिचर्ड ने दो रजत पदक जीता था. 200 मीटर और 200 मीटर (बाधा) दौड़ में. उन्हें ही सौ साल से ज्यादा समय तक भारत की ओर से पहला पदक जीतने का श्रेय दिया जाता रहा, लेकिन ब्रिटेन के इतिहासकारों ने यह दावा किया कि नार्मन को ब्रिटेन की टीम के लिए चुना गया था. इसलिए नार्मन द्वारा जीता गया पदक ब्रिटेन के खाते में जोड़ दिया गया. नार्मन पिचर्ड का जन्म 23 जून, 1875 को कोलकाता में हुआ था और उन्होंने संत जेवियर स्कूल, कोलकाता से पढ़ाई की थी. इस एथलीट में बहुत प्रतिभा थी. न सिर्फ एथलेटिक्स में, बल्कि फुटबॉल में भी अच्छी पकड़ थी.यह माना जाता है कि भारत में फुटबाल में पहली हैटट्रिक नार्मन ने ही 1899 में लगायी थी. उन्होंने 1900 से 1905 तक इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन के मानद सचिव का पद भी संभाला था. 1900 में जब पेरिस में ओलिंपिक हो रहा था, तब भारत की ओर से सिर्फ एक खिलाड़ी नार्मन ने ही भाग लिया था. दो पदक जीतकर भारत 18 वें स्थान पर रहा था. इस ओलिंपिक में नार्मन ने 60 मीटर, 100 मीटर, 110 मीटर (बाधा), 200 मीटर, और 200 मीटर (बाधा) दौड़ में भाग लिया था. दो में रजत पदक मिला. ओलिंपिक काफी लंबा चला था.

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